शामली 15 जनवरी। मेरठ प्रांत की विश्व हिंदू परिषद के दुर्गावाहिनी की बहनों ने अयोध्या जाते समय आपसी सौहार्द की अनूठी मिसाल कायम की अयोध्या एक्सप्रेस ट्रेन में अचानक एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ गई, जिस पर दुर्गावाहिनी की सदस्यों ने महिला डॉक्टर को वीडियो कॉल पर लेकर मात्र 20 मिनट में सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने बेटी को जन्म दिया है, जिसे हर किसी ने सीता का रूप बताया।
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री हिमांशु शर्मा ने बताया कि वह करीब 100 कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली से शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे अयोध्या के लिए सवार हुए। बाराबंकी से पूर्व ही एक मुस्लिम महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई, जो गर्भवती थी। इस पर दुर्गावाहिनी की बहन काजल सैनी, दीक्षा, शिवानी और स्वाति डिलीवरी कराने के लिए आगे आई चारों एमए, एलएलबी और बीए की छात्राएं हैं।
इन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए अपनी जानने वाली एक महिला चिकित्सक को डिलीवरी के बारे में बताया। इसके बाद बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स की तर्ज पर महिला चिकित्सक ने वीडियो कॉल पर चारों को गाइड किया और 20 मिनट में सफल डिलीवरी हो गई।
महिला के पति अशरफ अली ने बताया कि वह दक्षिणी दिल्ली में टेलर की दुकान करते हैं। पत्नी रजिया बाराबंकी के फैजलपुर की रहने वाली है। दोनों दिल्ली से फैजलपुर जा रहे थे। अचानक रास्ते में पत्नी की हालत बिगड़ गई। दुर्गावाहिनी की बहनों ने सौहार्द की मिसाल कायम की है जच्चा और बच्चा की जान बचाई। वरना दूर दूर तक डॉक्टर नहीं थे, दोनों की जान भी जा सकती थी।
तीन डिलीवरी सिजेरियन पहली नार्मल हुई
महिला रजिया के परिवार में पहले ही दो बेटे और एक बेटी है। अशरफ ने बताया कि पूर्व में हुई तीनों डिलीवरी सिजेरियन से हुई, मगर ट्रेन में बहनों ने नार्मल डिलीवरी कराने में अहम भूमिका निभाई।
महिला को प्राइवेट अस्पताल में कराया भर्ती
विश्व हिंदू परिषद शामली के जिला मंत्री हिमांशु शर्मा ने बताया कि डिलीवरी के बाद रेलवे स्टेशन पर ही उन्होंने एंबुलेंस का बुला लिया था। दोनों की हालत बिल्कुल ठीक है। विहिप के संस्कारों के कारण ही मदद कर जच्चा और बच्चा की जान बचाई जा सकी। महिला का बाराबांकी के अस्पताल में उपचार चल रहा है।