जिनेवा 15 जनवरी। यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने बताया है कि साल 2023 अभी तक का सबसे गर्म साल रहा है। औद्योगिकीकरण से पहले के स्तर की तुलना में औसत वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुकी है। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी या फरवरी 2024 में समाप्त होने वाली 12 महीने की अवधि में वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के पार हो सकती है। इसके जलवायु प्रभाव बढ़ सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि साल 2023 में पहली बार देखा गया कि जब हर दिन औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक (1850-1900) काल के स्तर से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि बीते साल यानी 2023 में करीब 50 फीसदी दिन 1850-1900 के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म थे। नवंबर में पहली बार ऐसा हुआ जब दो दिन दो डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म थे। और पहली बार, नवंबर में दो दिन दो डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म थे। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के मुताबिक, साल 2023 में वैश्विक औसत तापमान 14.98 डिग्री सेल्सियस था। यह साल 2016 में बीते उच्चतम वार्षिक मूल्य से 0.17 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।
उन्होंने बताया कि 1991-2020 के औसत से यह 0.60 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था, जबकि 1850-1900 के बीच पूर्व-औद्योगिक स्तर से तुलना की जाए, तो 1.48 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था।टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी में वायुमंडलीय विज्ञान के प्रोफेसर एंड्रयू डेस्लर का कहना है कि जिस बात ने हमें आश्चर्यचकित किया है, वह सिर्फ यह नहीं थी कि साल 2023 में रिकॉर्ड-तोड़ था, बल्कि वह मात्रा भी थी जिससे इसने बीते रिकॉर्ड तोड़ दिए।
रिकॉर्ड वैश्विक गर्मी की वजह से साल 2023 में दुनिया के बड़े इलाकों में कई चरम मौसम की घटनाओं को बिगाड़ने में मदद की है। इनमें कनाडा और अमेरिका में भीषण गर्मी और जंगल में लगने वाली आग। इसके साथ लंबे समय तक सूखा और पूर्वी अफ्रीका के कुछ इलाकों में बाढ़ की घटनाएं शामिल हैं। हाल के दिनों में कई घटनाएं असामान्य समयों पर घटित हुईं।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव प्रोफेसर पेटेरी तालास का कहना है कि यह सिर्फ आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। चरम मौसम दैनिक आधार पर जीवन और आजीविका को खत्म कर रहा है।