Date: 21/12/2024, Time:

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन

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भोपाल 15 मई। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार, 15 मई की सुबह निधन हो गया. उन्होंने आज सुबह 9.28 बजे दिल्ली एम्स अंतिम सांस ली. सिंधिया परिवार की राजमाता बीते कुछ दिनों से एम्स में वेंटिलेटर पर थीं.

सिंधिया कार्यालय ने कहा, ‘बड़े दुःख के साथ ये साझा करना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रही. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता और ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी का इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था. पिछले दो सप्ताह स्थिति बेहद क्रिटिकल थी. आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आख़िरी साँस ली. ऊं शान्ति.’

उनके निधन पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. उनका अंतिम संस्कार ग्वालियर में कल यानी 16 मई को शाम 4 से 5 बजे के आसपास होगा.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता का निधन अत्यंत दु:खद है. मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति.’

बताते चले कि माधवी राजे नेपाल के राजघराने से थीं. वह चैरिटी के काम में काफी सक्रिय रहती हैं. माधवी राजे 24 धर्मार्थ ट्रस्टों की अध्यक्ष थीं जो शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसे क्षेत्रों में सहायता देते हैं. उन्होंने अपने दिवंगत पति माधवराव सिंधिया की याद में महल संग्रहालय में गैलरी भी बनाई.

ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया से उनकी शादी 8 मई 1966 को हुई थी. माधवराव सिंधिया की गिनती देश के ताकतवर नेताओं में होती थी. उनका निधन एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था. माधवी सिंधिया नेपाल के शाही परिवार से थीं. उनके दादा शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं. माधवी राजे को प्रिंसेज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी जाता था.
माधवी राजे सिंधिया की सास विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. वहीं, उनके पति माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं. माधवराव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता की राजनीतिक विरासत को संभाल रहे थे. मार्च 2020 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

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