बागपत 13 मई। एक बार फिर से यमुना खादर में तनावपूर्ण स्थिति बन गई हैं। रविवार को हरियाणा के किसानों ने खादर में पहुंचकर छपरौली के नांगल गांव के किसानों को खेतों से खदेड़ दिया। सूचना पर गांव के काफी संख्या में किसान भी मौके पर पहुँच गए। दोनों ओर से तीखी नोंकझोंक भी हुई, बाद में हरियाणा के किसान मौके से भाग खड़े हुए। निर्माणाधीन हरियाणा- यूपी यमुना पुल के पास नांगल गांव के किसानों ने धरना शुरू कर दिया। धरनारत किसानों ने बताया कि रविवार की सुबह हरियाणा के खोजकीपुर के किसान लाठी-डंडे लेकर उनके खेतों में घुस आए। खेतों में काम कर रहे किसानों को डरा धमका वहां से भगा दिया। सूचना पर नांगल गांव के काफी संख्या में किसान भी मौके पर पहुँच गए। दोनों ओर के किसानों के बीच तीखी नोंकझोंक तक हुई। अपने ऊपर हावी होता देख हरियाणा के किसान मौके से भाग निकले। धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि हरियाणा के किसान फसल को बर्बाद करने तक की धमकी देकर गए हैं। इसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को भी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुँची। इतनी तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद न तो स्थानीय पुलिस और न ही प्रशासन उनका कोई सहयोग कर रहा है। इस वजह से हरियाणा के किसानों के हौसले बढ़ गए हैं।
किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोनों राज्यों के अधिकारी खादर भूमि की पेमाईस कर समस्या का समाधान नहीं होता तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। धरने पर ग्राम प्रधान जगपाल सिंह, मास्टर मोहन, तेजू फोजी, वीरेंद्र मास्टर, देशवीर सिंह, कालूराम, सुरेन्द्र सिंह, बिलेन्द्र, कुलवीर आदि किसान मौजूद रहे।
207 हेक्टयर भूमि का विवाद
किसानों ने बताया कि यमुना खादर सीमा में 207 हेक्टेयर भूमि पर छपरौली नांगल के किसान अपनी फसल बोते आ रहे हैं। जब फसल पक जाती है तो हरियाणा के किसान फसल को जबरन काट ले जाते है। इस मामले में हर बार दोनों ओर के किसानों के बीच तनावपूर्ण स्थिति रहती है। उनका प्रशासन पूर्ण सहयोग करता है जबकि यूपी का प्रशासन यहां के किसानों का साथ नहीं देता।
पुलिस चौकी बनाये जाने को देंगे जमीन
छपरौली। नांगल के किसानों का कहना है कि यूपी सीमा पर एक पुलिस की चौकी भी बनाईं जाए। यूपी पुलिस द्वारा बनाई जाने वाली पुलिस चौकी के लिए किसान जमीन भी फ्री में उपलब्ध कराएंगे। पुलिस चौकी बनने से खादर में होने वाली अप्रिय घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
हाल ही में काटकर ले गए थे सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल
छपरौली। याद दिला दें कि अभी कुछ दिन पहले टाण्डा खादर में भी हरियाणा के किसान सैकड़ों बीघा गेंहू की तैयार फसल काट ले गए थे। जिस समय किसान टाण्डा के किसानों की फसल काट रहे थे, उनके साथ हरियाणा के अधिकारी भी मौजूद थे जबकि उन्हें बड़ौत तहसील में तयशुदा बैठक में मौजूद रहना था। खादर में हरियाणा के किसान लगातार हावी हो रहे हैं, तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है। अधिकारियों की यह चुप्पी खादर में बड़ा रूप धारण कर सकती है।