मुजफ्फरपुर 10 मई। बिहार में एक ऐसा ही चौकाने वाला मामला सामने आया है जिसे सुन कर हर कोई हैरान है. मामला पड़ोसी जिले पूर्वी चंपारण के चकिया से सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल में जन्म के बाद बच्ची को डॉक्टर ने मृत बता दिया. उसके बाद ऐसा चमत्कार हुआ की 10 मिनट बाद ही बच्ची की धड़कन शुरू हो गई.
डॉक्टरों ने बच्ची की जांच की तो पता चला की बच्ची का पल्स रेट ही गायब है. साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेट भी नहीं हो रहा है. तभी डॉक्टर ने बच्ची को एनआईसीयू में भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया, एसकेएमसीएच के 3 डॉक्टरों की टीम ने एक घंटे तक बच्ची का इलाज किया. फिर कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची का पल्स रेट वापस लौट, अस्पताल के एनआईसीयू में कोई वेंटिलेटर खाली नहीं था सभी पर बच्चे थे. तब डॉक्टरों ने खुद बच्ची को मैनुअल वेंट देना शुरू कर दिया, एनआईसीयू में वेंट खाली नहीं रहने पर एक घंटे बाद बच्ची को पीकू के ट्राइएज में ट्रांसफर कर दिया, डॉक्टर के अनुसार बताया गया कि बच्ची की धड़कन ही नहीं थी, पल्स रेट गायब था ब्लड भी सर्कुलेट नहीं हो रहा था जिसको लेकर सीपीआर दिया गया. वेंट खाली नहीं रहने के बाद मैनुअल वेंट सपोर्ट दिया गया. इसके बाद बच्ची के शरीर में जान आई.
बता दें कि बीते बुधवार की रात चकिया निवासी संदीप कुमार की गर्भवती पत्नी प्रियंका कुमारी को चकिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी की बात कह रही थी. संदीप कुमार के बड़े भाई राजू कुमार ने बताया कि दर्द तेज होने की वजह और कमजोर होने की वजह से डॉक्टर को ऑपरेशन करने के लिए बोला जा रहा था. लेकिन, डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी की जिद पर अड़ी थीं. जन्म के समय बच्ची फंस गई. उसे किसी तरह बाहर निकाला गया. इसके बाद एक डॉक्टर ने आकर कहा कि बच्ची को नहीं बचा पाए. परिजन रोने लगे. लेकिन, 10 मिनट बाद बच्ची धड़कन लौटी.