Date: 27/12/2024, Time:

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: सभी 15 मामलों की एक साथ सुनवाई की अर्जी मंजूर

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प्रयागराज 12 जनवरी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी मामलों को कंसोलिडेटेड करने की अर्जी मंजूर कर ली है। विचाराधीन 18 सिविल वादों में से 15 वादों को भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मूल वाद में मर्ज कर दिया गया है। शेष दो मामलों पर बाद में विचार किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सभी केस कंसोलिडेटेड कर सुनवाई करने से कोर्ट के समय की बचत होगी। पक्षकारों के खर्च बचेंगे और फैसलों में भिन्नता नहीं होगी। समान प्रकृति के वादों का कंसोलिडेटेड किया जाना न्याय हित में जरूरी है। कोर्ट कमिश्नर की रूपरेखा तय करने के मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक जैन ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव सहित सभी 17 वादों की सुनवाई करते हुए दिया है।

मंदिर पक्ष की तरफ से अधिवक्ता विष्णु जैन ने अर्जी दाखिल कर सभी वादों को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई करने की मांग की। इन्हीं की मथुरा में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी वादों को हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर सुनवाई की याचिका पर कोर्ट ने सभी वादों को मंगवा लिया और सुनवाई की जा रही है। मांग की गई है कि कटरा केशव देव के नाम की 13.37 एकड़ जमीन से अवैध ढांचा हटाया जाय। उनका कहना था कि मामला अतिआवश्यक है, जिसका शीघ्र निपटारा किया जाना न्याय हित में जरूरी है। सभी को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई से समय और खर्च की बचत होगी। विरोधाभासी फैसले भी नहीं आयेंगे।

मस्जिद पक्ष के वकीलों ने भी मामलों की एक साथ सुनवाई की मांग पर सहमति जताई है। हालांकि, महमूद प्राचा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस में विरोध किया किंतु उसी पक्ष के अधिवक्ता नसईरूज्जमा ने आपत्ति नहीं कर कंसोलिडेटेड करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि समान प्रकृति के केस हैं, कंसोलिडेटेड कर सुनवाई की जानी चाहिए। मंदिर पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की और कहा कि कोर्ट को समान प्रकृति के वादों को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई करने का स्वतः अधिकार है। ऐसा करने के लिए पक्षकारों की सहमति जरूरी नहीं है, समय बचेगा।

विष्णु जैन ने कहा कि कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर भेजने का आदेश दिया है। रूपरेखा तय की जानी है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के साथ तीन वकीलों का कमीशन भेजा जा सकता है। पक्षकारों को भी साथ रहने की अनुमति दी जाय। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने परिवार में गमी के कारण सुनवाई टालने की अर्जी दी है। जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 17जनवरी तय की है।

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