asd मेरे फर्जी वीडियो के पीछे कांग्रेसः अमित शाह

मेरे फर्जी वीडियो के पीछे कांग्रेसः अमित शाह

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नई दिल्ली 01 मई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एससी, एसटी एवं ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करने की वकालत करते हुए सोशल मीडिया पर प्रसारित अपने एडिटेड वीडियो को लेकर सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मेरे फर्जी वीडियो के पीछे कांग्रेस है।
गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की हताशा इस स्तर तक पहुंच गई है कि वे मेरे और कई अन्य भाजपा नेताओं के फर्जी वीडियो फैला रही है। यही नहीं, मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और अन्य लोग भी इस फर्जी वीडियो को आगे बढ़ा रहे हैं। आज कांग्रेस के एक प्रमुख नेता पर आपराधिक मामला चल रहा है। यह कार्रवाई उनकी हताशा और निराशा का संकेत है। इस मामले को लेकर उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और उन पर राजनीति को नए निचले स्तर पर ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, फर्जी वीडियो जारी करके जनता का समर्थन हासिल करने का प्रयास निंदनीय है। किसी भी बड़ी पार्टी को ऐसा कभी नहीं करना चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने 12 और लोगों को नोटिस भेजा है। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत छह लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। मामले में अब तक कुल 18 लोगों को आईएफएसओ नोटिस भेज चुकी है। मामले की जांच करने और आरोपियों को पकड़ने के लिए आईएफएसओ यूनिट ने कई अलग-अलग टीम बनाई है।
नोटिस की जद में आने वालों में ज्यादातर वे लोग हैं, जिन्होंने एडिटेड वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया था। इन लोगों से पूछताछ कर पुलिस एडिटेड वीडियो का असली स्रोत जानना चाहती है। यह भी जानना मकसद है कि क्या साझा करने वाले जानते हैं कि इसे किसने बनाया था और यह वीडियो आखिरकार इन लोगों तक कैसे पहुंचा।
दिल्ली पुलिस ने वीडियो साझा करने वालों का जो ब्योरा सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों को पत्र लिखकर मांगी थी, उसमें से कुछ का ब्योरा पुलिस को खुद की जांच के दौरान भी मिल गया है। कुछ के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण विस्तृत जानकारी मांगी गई है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर सबसे पहली बार इस वीडियो को किसने ऑनलाइन साझा किया।

बताते चले कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक डीपफेक वीडियो कथित तौर पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस फर्जी वीडियो में भाजपा नेता अमित शाह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण अधिकारों को खत्म करने की घोषणा करते हुए कथित तौर पर नजर आ रहे हैं। इसे लेकर गृह मंत्रालय और भाजपा ने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि फेसबुक और ‘एक्स के उपयोगकर्ताओं द्वारा कुछ फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और समुदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। मालूम हो कि डीपफेक वह प्रौद्योगिकी है, जिससे एक वीडियो में छेड़छाड़ कर किसी ऐसे व्यक्ति के चेहरे को उसमें फिट किया जाता है जो उस वीडियो का हिस्सा ही नहीं होता। इस तकनीक के माध्यम से छेड़छाड़ कर बनाए गए वीडियो में असली और नकली का अंतर बता पाना मुश्किल होता है।

उधर पुलिस का कहना है कि शिकायत पर जांच की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस शिकायत में भाजपा की ओर से कहा गया है कि तेलंगाना कांग्रेस की विंग द्वारा अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक कूटरचित भाषण प्रसारित किया गया है। जबकि वास्तव में मंत्री कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो हम गैर संवैधानिक मुस्लिम रिजर्वेशन को समाप्त कर देंगे। यह अधिकार तेलंगाना में एसटी-एससी और ओबीसी का है, जो उनको मिलता रहेगा।

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