हैदराबाद 11 जनवरी। हर तरह के मौसम में समुद्र से आकाश तक सुरक्षा चुनौतियों के खतरों का मुकाबला करने के लिए स्वदेश निर्मित पहले स्टारलाइनर अननेम्ड ऐरियल विकल (यूएवी) ‘दृष्टि-10’ भारतीय नौसना जल्द ही अपने सुरक्षा बेड़े में शामिल करेगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने हैदराबाद में स्वदेश निर्मित इस पहले यूएवी का अनावरण करते हुए इसे हासिल किया।
नौसना प्रमुख ने कहा कि हाल के समय में हिंद महासागर से लेकर अरब सागर में समुद्री जहाजों पर लगातार बढ़ते ड्रोन हमलों की चुनौतियों की पहचान कर उन्हें पहले ही ध्वस्त करने में दृष्टि अहम भूमिका निभाएगा। मानव रहित टोही विमान होने के साथ ही विस्फोटक सामाग्रियों के साथ निशाने पर धावा बोलने में सक्षम दृष्टि-10 को मौजूदा सामरिक चुनौतियों के संदर्भ में इसकी अपरिहार्य जरूरत बताते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि समुद्री जहाजों पर बढ़ते हमलों का मुकाबला करने में यह बेहद प्रभावी होगा।
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे दोनों पड़ोसी देशों के पास बड़ी संख्या में यूएवी हैं और ऐसे में भारतीय सैन्य बलों को इसकी पर्याप्त जरूरत है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम माने जा रहे दृष्टि यूएवी को नौसेना हैदराबाद से पोरबंदर ले जाएगी जहां अगले महीन से उसका उपयोग नौसेना के समुद्री अभियानों में किया जाएगा। अदाणी डिफेंस एंड एरोस्पेस ने दृष्टि-10 को स्वदेश में निर्मित किया है। इजरायल विकसित इस यूएवी के 70 फीसद उपकरण स्वदेश में बने हैं और अदाणी डिफेंस एंड एरोस्पेस ने भारतीय नौसेना से हुए समझौते के 10 महीन के भीतर ही उसे पहला यूएवी सौंप दिया है।