asd सोशल मीडिया मंचों का बढ़ता प्रभाव, भाजपा से लेकर कांग्रेस सपा बसपा सभी दल इसके माध्यम से जीतना और अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं लोकसभा चुनाव में, आओ हम भी इसे अपनाने में पीछे क्यों रहे

सोशल मीडिया मंचों का बढ़ता प्रभाव, भाजपा से लेकर कांग्रेस सपा बसपा सभी दल इसके माध्यम से जीतना और अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं लोकसभा चुनाव में, आओ हम भी इसे अपनाने में पीछे क्यों रहे

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भाजपा से लेकर कांग्रेस सपा बसपा सभी दल इसके माध्यम से जीतना और अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं लोकसभा चुनाव में, आओ हम भी इसे अपनाने में पीछे क्यों रहे
कोई कितना ही बुरा चाहे क्या होता है होता वही है जो मंजूर ए खुदा होता है किसी शायर की यह पंक्तियां सोशल मीडिया पर उतर रही है। पूरे विश्व में सबसे ताकतवर मीडिया के रूप में सोशल मीडिया को लेकर कुछ लोग अनर्गल प्रचार करते हुए इसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मजा इस बात का है कि जितना इसके खिलाफ प्रचार करने की कोशिश हो रही है यह मीडिया उतना ही मजबूत होकर उभर रहा है।
अगर ध्यान से देखें तो इस समय दुनिया के सभी देशों ने अपना भारत इस मीडिया को उपयोग करने के मामले में सबसे अग्रणीय भूमिका निभा रहा है। कुछ जानकारों के अनुसार वर्तमान समय में 46 करोड़ लोग यूटयूब पर बिताते हैं जिनमें से 12 करोड़ लोग बेहद सक्रिय बताए जाते हैं। 40 प्रतिशत लोग सक्रिय रूप से इसे इस्तेमाल करते हैं तो तीन घंटे में औसतन एक युवा समय बीताता है। इसके आठ करोड़ व्यूवर्स बताए जाते हैं। तो दो करोड़ यूटयूबर्स इन्फ्लूएसर्स चिन्हित किए गए हैं।
जानकारी अनुसार इस समय बताते हैं कि वर्तमान में ट्वीटर, फेसबुक इंस्टाग्राम लिंकडन चैट टिकटॉक टेलीग्राम स्नैपचेट नेटवर्ग मैसेंजिंग एप फोटो मीडिया इंटर एक्टिव एप चर्चा मंच बुकमार्क सामग्री संग्रह सोशल शॉपिंग नेटवर्क रूचि आधारित अर्थव्यवस्था आदि प्रमुख मंच सक्रिय हैं और सबसे ज्यादा यूटयूबर्स इंस्टाग्राम इन्फ्लूएसर्स आदि मंचों का उपयोग किया जा रहा है।
इस मीडिया की ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 के चुनाव में भाजपा ने वॉटसऐप फेसबुक और टवीटर यटूबर्स इंस्टाग्राम का उपयोग किया और वर्तमान में वीडियो ऑडियो टैक्स कनटेंट मुहैया कराए जा रहे हैं। भाजपा ने यूपी में ही सोशल मीडिया और आईटी क्षेत्र के दस हजार युवाओं को मैदान में उतारा है जो वर्तमान केंद्र सरकार और पीएम मोदी की योजनाओं उपलब्धियों और जनहित के निर्णयों के बारे में खुलकर प्रचार कर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बड़ी नीति तैयार कर रहे है। जिसके तहत सोशल मीडिया माध्यमों को उपयोग किया जाएगा। खुद अखिलेश यादव के एक्स पर 1.93, फेसबुक पर 80 लाख और इंस्टाग्राम पर 18 लाख फालोवर्स है। पार्टी के अंदर सोशल मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को इस काम पर लगाया जा रहा है। तो यूपी में कई बार सीएम रह चुकी बसपा सुप्रीमो विरोधियों के हर हमले का जवाब सोशल मीडिया पर देने के लिए तैयार हैं। पार्टी के युवा चेहरे आकाश द्वारा यह मोर्चा संभाला गया है। जिसके तहत बसपा का ऑल इंडिया वॉटसग्रुप बनाया गया है। पार्टी से युवाओं को जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही एक मोबाइल नंबर 9911278171 जारी किया गया है जिस पर मिस कॉल कर युवाओं को जोड़ा जा रहा है। आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर अन्य पार्टियों को टक्कर देने के लिए और इस मामले में ब्रांड मोदी और अखिलेश से आगे निकलना चाहते है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी वॉटसऐप ग्रुप तैयार किया गया है अन्य माध्यमों का भी उपयोग भाजपा से ज्यादा करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस और भाजपा के सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं को जोड़कर सोशल मीडिया माध्यमों से अपनी पार्टी गठबंधन आदि के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। इस मामले में अपना दल, निषाद पार्टी आदि शामिल है। इनके कार्यकर्ताओं के तेवर काफी आक्रामक नजर आते हैं जिससे यह पता चलता है कि सोशल मीडिया का उपयोग करने में कोई भी कहीं भी चूकने में तैयार नहीं है।
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि 18वीं लोकसभा का चुनाव पहले से बदला हुआ और दिलचस्प होने वाला है। इस बार विपक्षी दल भी सोशल मीडिया का लाभ उठाने में पीछे नहीं रह सकते। इस मामले में चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पुलिस वॉटसएप ग्रुप पर सक्रिय नजर रखेगी।
दोस्तों सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग चुनाव में और समाज हित में ही महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रहे । वो अपनी विशेषओं से दुष्प्रचार करने वालों को जवाब दे रहे हैं। बहुतायत में ना सही संख्या कम हो लेकिन पांच साल छह साल के बच्चे और 80 साल के बुजुर्ग भी इस मीडिया का उपयोग करने में पीछे नहीं है।
देश में डिजिटल मीडिया ने हर क्षेत्र में उंची छलांग लगाई है क्योंकि हर क्षेत्र में इसकी दखल हैं यह हर तरीके से नागरिकों के लिए लाभदायक है अगर सही उपयोग किया जाए तो। इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है। ज्यादातर नागरिक इसे अपना व्यवसाय और जानकारी बढ़ाने का माध्यम मानने लगे हैं।
देश के सबसे पहले सोशल मीडिया मंचों में से एक सोशल मीडिया एसोसिएशन द्वारा इससे संबंध लोगों को एक मंच पर लाने और इसकी उपलब्धियां बताने व जो लोग इस मीडिया मंच को बदनाम करने में लगे हैं उन्हें समझाने और न समझने पर मुंहतोड़ जवाब देने में गांधीवादी तरीके से प्रयासरत है। कुल मिलाकर अनेकता में एकता के नारे को आत्मसात कर सोशल मीडिया एसोसिएशन इसको मजबूत बनाने के लिए संगठन ही शक्ति है यह समझाने में प्रयास एसएमए के सदस्यों द्वारा किए जा रहे हैं।
दोस्तों इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पीएम से लेकर हर नेता और अन्य लोग इससे जुड़ रहे हैं। ऐसे लोग भी है जो इसकी आलोचना करते हैं। पीएम मोदी ने इस वर्ष भारत रत्न दिए जाने की घोषणा इसी पर की और अन्य ऐसे निर्णय जो हमें और सबको प्रभावित करते हैं उनकी जानकारी भी सोशल मीडिया मंचों से नागरिकों को प्राप्त हुई और सभी दलों के उम्मीदवारों की सूचना सोशल मीडिया मंचों से नागरिकों को प्राप्त हो रही है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि हम अपनी और परिवार की खुशहाली और देश की एकता और अखंडता बनाए रखने हेतु सोशल मीडिया मंचों का खुलकर उपयोग करें और जो इनका दुरूपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।
गृह मंत्रालय कानून मंत्रालय के अफसरों से आग्रह है कि सोशल मीडिया मंचों को बदनाम करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और आम आदमी को इसकी आड़ में परेशान ना किया जाए। इन्हीं शब्दों के साथ मैं विश्वास रखता हूं कि हमें जो यह सुविधाएं प्राप्त हो रही है उसका सदुपयोग कर देश और परिवार की खुशहाली के लिए काम करेंगे।

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