Date: 22/12/2024, Time:

तुर्की में खुदाई के दौरान मिले कंकालों से लिपटे 11 हजार साल पुराने जेवरात

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नई दिल्ली 14 मार्च। तुर्की की एक आर्कियोलॉजिकल साइट पर शोधकर्ताओं को 11 हजार साल पुराने इंसानी कंकाल और उनमें लिपटे हुए कुछ धातु, गहने-जेवरात मिले हैं। जिस जगह पर खोज हुई है उस साइट का नाम बोनकुक्लू तरला पुरातात्विक स्थल है।

एक मीडिया रिपोर्ट में जांच टीम के हवाले से बताया गया है कि जिस जगह पर नवजात शिशुओं को दफन किया गया था, वहां से किसी भी तरह के गहने या जेवरात नहीं मिले हैं। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि उस समय बच्चों के शरीर छिदवाने की कोई परंपरा नहीं थी। आर्कियोलॉजिस्ट ने बताया कि ये सभी आभूषण हड्डियों के नाक-कान और ठुड्डी के बगल में पाए गए हैं, जो इस बात का पुख्ता सबूत है कि हजारों साल पहले से नाक और कान छिदवाने की परंपरा चलती आ रही है।

आर्कियोलॉजिस्ट ने बताया कि ये सभी आभूषण सीधे उनके कानों और ठुड्डी के बगल में पाए गए, जिससे इस बात का पुख्ता सबूत मिला कि उन्हें कान और नाक में छेद करवाने के बाद पहना जाता था. खोज में पाए गए आभूषणों में से 85 बिल्कुल ठीक अवस्था में हैं, जो अधिकांशत: चूना पत्थर, ओब्सीडियन या नदी के कंकड़ से बने हैं. टीम ने कहा कि उनके अलग-अलग आकारों को देखने से पता चलता है कि उन्हें कान और निचले होंठ दोनों में पहनने के लिए बनाया गया था. इतना ही नहीं, इस जांच से यह भी पता चला है कि इन जेवरातों को न सिर्फ महिलाएं, बल्कि पुरुष भी पहनते थे.

इस खोज में शामिल डॉ. एम्मा बैसल ने कहा, ‘यह दर्शाता है कि परंपराएं जो आज भी हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, वे हजारों साल पहले से ही विकसित हुई थीं, जब लोगों ने पहली बार 10,000 साल से भी अधिक समय पहले पश्चिमी एशिया में स्थायी गांवों में बसना शुरू किया था. उनके पास मोतियों, कंगन और पेंडेंट से जुड़ी बहुत ही जटिल अलंकरण प्रथाएं थीं, जिसमें एक बहुत ही विकसित प्रतीकात्मक दुनिया भी शामिल थी

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