नई दिल्ली 07 मार्च। सेलिब्रिटी और इन्फ्लूएंसर्स अब जुए और सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ऐसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगा दी है। दिशानिर्देश के बावजूद कोई ऐसा करता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीसीपीए ने बुधवार को जारी आदेश में कहा, हाल में सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों की भरमार हो गई है। सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 के तहत सट्टेबाजी और जुआ प्रतिबंधित है। इसके बावजूद ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म और एप्स इसका विज्ञापन करते रहते हैं। ऐसी गतिविधियों का युवाओं पर नकारात्मक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने सभी अंशधारकों को चेतावनी दी कि सट्टेबाजी और जुए सहित अवैध गतिविधियों के समर्थन के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों की बढ़ते मामलों को देखते हुए सीसीपीए ने एक व्यापक सलाह जारी की है.’’
पिछले साल सट्टेबाजी से जुड़े महादेव बेटिंग ऐप को लेकर काफी विवाद हुआ था. इस ऐप का प्रचार कई सुपर स्टार और सेलिब्रिटीज ने किया था. इनमें रणबीर कपूर जैसे सुपर स्टार भी शामिल रहे. इसके अलावा, जांच एजेंसी के रडार पर 12 फिल्म स्टार और 100 से ज्यादा इंफ्लुएंशर्स भी थे. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार, परामर्श में विभिन्न कानूनों के तहत निषिद्ध गैरकानूनी गतिविधियों के विज्ञापन, प्रचार और समर्थन पर रोक लगाने पर जोर दिया गया है.
सीसीपीए ने कहा, ‘‘सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 के तहत सट्टेबाजी और जुआ सख्ती से प्रतिबंधित है, और देशभर के अधिकांश क्षेत्रों में इसे अवैध माना जाता है. इसके बावजूद ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच और ऐप सीधे तौर पर, साथ ही गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी और जुए का विज्ञापन करते रहते हैं.
निगरानी संस्था ने बताया कि ऐसी गतिविधियों के समर्थन का विशेष रूप से युवाओं पर काफी वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है. यह सलाह सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया मंचों को विभिन्न परामर्श जारी करने के प्रयासों को रेखांकित करती है, जिसमें उन्हें सट्टेबाजी और जुआ मंचों के प्रचार से आगाह किया गया है.
सीसीपीए ने सभी अंशधारकों से इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और उन गतिविधियों को बढ़ावा देने या समर्थन करने से परहेज करने को कहा, जो भारतीय कानून के तहत अवैध हैं.