Date: 21/12/2024, Time:

भाजपा में सबसे उपयुक्त लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ही नजर आते हैं

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राजनीति चाहे राष्ट्रीय दल की हो या क्षेत्रीय दलों की सबकी अपनी अपनी नीति और योजनाएं होती हैं। जिन पर चलने और उन्हें पूरा करने के लिए ग्राम प्रधान से लेकर सांसद तक किसे बनाया जाना है वो सर्वसम्मिति से या मुखिया के निर्णय से होता है। इस पर सवाल तो उठाए जाते हैं लेकिन ऐसा अधिकार किसी को नहीं होता।
सभी राजनीतिक दलों जो वर्तमान में पॉलिसी है उसके अनुसार अब चुनाव लड़ाने के लिए किसी को भी उम्मीदवार बनाने के लिए ना तो कैडर की ही कोई बहुत बड़ी बंदिश है ना उम्र की। जितना अब देखने को मिल रहा है उसके हिसाब से वंशवाद भी धीरे धीरे लगभग सभी जगह भूली बिसरी याद हो चुका है। क्योंकि अभी तक जो राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित किए हैं उसमें इस विषय की कोई बहुत बड़ी बंदिश नजर नहीं आई।
एक बात जो सामने नजर आ रही है वो यह है कि अब सत्ता और विपक्ष दोनों सक्रिय हो गए हैं। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पटना के गांधी मैदान में चुनावी बिगुल बजाया तो भाजपा ने दिल्ली में अपनी रणनीति तय की और पीएम मोदी ने सभी से आग्रह किया कि वो जीतकर आएं और जल्दी मिलेंगे। इस पार्टी द्वारा अभी तक जैसा कि चर्चा है पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत 195 उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिए हैं और जल्दी ही सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।
भाजपा की सक्रियता और घर घर तक भाजपा नेताओं के पहुंचने की बनाई जा रही रणनीति को देखकर यह कहा जा सकता है कि उसका प्रयास है कि यूपी में जो 80 सीटें जीतने की घोषणा की गई है वो पूरी हो। होगा क्या यह तो मतदाता तय करेंगे। मगर एक बात विशेष रूप से कही जा सकती है कि मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के आसपास के जिलों बिजनौर के नगीना से ओमकुमार, बुलंदशहर से भोला सिंह मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान आदि का नाम तो घोषित किया गया लेकिन सबसे पहला चुनाव कांग्रेस शासनकाल में भाजपा उम्मीदवार के रूप में बड़े बहुमत से जीते राजेंद्र अग्रवाल और बाद में इनके द्वारा दो बार और जीत हासिल की गई। कुल मिलाकर तीन बार के लोकसभा सदस्य और सफल सांसदों में सर्वोच्च रहने का सम्मान प्राप्त कर चुके व लोकसभा के स्पीकर पैनल में शमिल होने के अतिरिक्त जिन कमेटियों में वो चेयरमैन या सदस्य बनाए गए उनका सफलता से अपने पद का निर्वाह करने में कामयाब और सबसे बड़ी बात आजादी के बाद से अब तक के इतिहास में अपने क्षेत्र के नागरिकों को सबसे ज्यादा उपलब्ध रहने वाले लोकसभा सदस्यों में मेरी निगाह में प्रथम स्थान पर विराजमान राजेंद्र अग्रवाल को अभी उम्मीदवार घोषित ना किए जाने से मतदाताओं में मायूसी का माहौल है। पुराने जनसंघियों आरएसएस कार्यकर्ताओं और भाजपाईयों के अतिरिक्त मतदाताओं का भी यह मानना है कि जितनी आसानी से राजेंद्र अग्रवाल भाजपा को जीत दिला सकते हैं दूसरा अन्य नहीं कर सकता। कौमी एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा, व व्यापारी नेता संदीप गुप्ता ऐल्फा का कहना है कि आम आदमी को हर समय जिस प्रकार से राजेंद्र अग्रवाल उपलब्ध है इससे पहले कोई सांसद नहीं रहा। इसी कड़ी में भाजपा समर्पित उद्योगपति प्रदीप जैन दीप का कथन है कि जब कोई कार्यक्रम होता है तो अग्रवाल साहब उसमें तुरंत पहुंचते हैं। मुझे लगता है कि जनप्रतिनिधि किसी भी पार्टी और दल का क्यों ना हो अगर वो अपने क्षेत्र की जनता को हर समय उपलब्ध है तो उससे बढ़िया और सफल सांसद होना आसान नहीं है। जहां तक कुछ लोगों की नाराजगी की बात है तो उन्हें यह समझना होगा कि गली मोहल्लों की सड़के सही कराना और नाले नाली साफ कराना सांसद का काम नहीं है इसके लिए पार्षद चुने गए हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह पूरी कराए नहीं कराते तो सांसद और विधायकों के पास जाना चाहिए। लेकिन चुनाव के दौरान नाराजगी जाहिर करने वाले ना तो पत्र लिखना चाहते हैं ना अफसरों से मिलते है। पार्षद से भी नहीं मिलते बस जनप्रतिनधि की बुराई करने में मस्त रहते हैं। घर के पांच मेंबरों को मुखिया भी संतुष्ट नहीं कर पाता है और लौह पुरूषों में हीं नहीं महापुरूषों में भी कमियां निकालने से लोग नहीं चूकते। जनता के बड़े वर्ग के अनुसार राजेंद्र अग्रवाल भाजपा उम्मीदवार सफल जिताऊ हो सकते है। क्योंकि जितने टिकट मांगने वालों की लाइन में है उनके द्वारा ना तो कभी मजबूती से जनसमस्याओं की मांग उठाई गई और ना कभी आम आदमी के पास जाकर उनकी परेशानी पूछी। अब कुछ भूमाफियाओं और कच्ची कॉलोनियों का निर्माण करने और सरकारी जमीन बेचकर मालामाल होने वालों के दम पर जो टिकट मांगने वालों को अगर टिकट मिल गया तो जीत का सेहरा पहनना कठिन हो जाएगा।

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