गाजियाबाद 29 फरवरी। मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेन सेट गुजरात के सांवली स्थित एलस्टॉम कंपनी के डिपो से चलकर गाजियाबाद के दुहाई डिपो में पहुंच गया है। तीन कोच वाला ये ट्रेन सेट बड़े ट्रेलरों पर लाया गया। अब यहां पर असेंबल करने के बाद इसकी कई तरह की टेस्टिंग की जाएगी। हाल ही में सांवली डिपो में पहला ट्रेन सेट NCRTC को सौंपा गया था। मेट्रो की अधिकतम परिचालन स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
मेरठ मेट्रो ट्रेन सेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट 23 किमी लंबा है। कुल 13 स्टेशन बनेंगे। वर्तमान में मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है और इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। यह देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी।
मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग व अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं। मेरठ मेट्रो में भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने की बेहतर व्यवस्था होगी। सभी स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।
ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे जहां पुश बटन को दबाया जाएगा। इसके साथ ही आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म जैसे सुरक्षा सिस्टम को एकीकृत किया गया है। आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान।