बुलंदशहर 28 फरवरी। ऑपरेशन के नाम पर 90 हजार रुपये वसूलने के बाद भी ओवेरी (अंडाशय) की गांठ को नहीं निकाला गया। जिसके चलते उपभोक्ता आयोग ने मेरठ के सुपर मैक्स हॉस्पिटल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। समयावधि में जुर्माना अदा न करने पर जुर्माने की राशि पर अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह के पीए शेखर वर्मा ने बताया कि गांव औरंगाबाद ताहरपुर निवासी सरिता का पेट में दर्द की शिकायत पर मेरठ के सुपर मैक्स हॉस्पिटल में उपचार कराया गया। जहां पर चिकित्सकों ने ओवेरी में गांठ होने की बात कहते हुए ऑपरेशन की सलाह दी। जांच कराने के बाद दो सितंबर 2020 को सरिता का मेरठ के मैक्स हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराया। जहां पर चिकित्सक डाॅ. दीपमाला टेपरवाल ने 90 हजार रुपये लेकर ऑपरेशन करते हुए गांठ निकालने की बात कही। आरोप है कि इसके बाद भी पेट दर्द ठीक न होने के चलते दोबारा चिकित्सक से संपर्क किया गया। जिस पर डाॅ. दीपमाला ने पहली बार तो दवाई दे दी, लेकिन इससे भी दर्द ठीक नहीं हुआ तो फिर से परामर्श के लिए पहुंचे। जहां डाॅ. दीपमाला ने आगे कुछ करने में असमर्थता जताई।
इसके बाद भी दर्द ठीक न होने पर हायर सेंटर में उपचार कराया गया। जहां पर जांच के दौरान पाया गया कि मैक्स हॉस्पिटल में जो ऑपरेशन किया गया था, उसमें गांठ नहीं निकाली गई। जिस पर पीड़ित ने उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया। आयोग की ओर से मैक्स हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया, लेकिन कोई भी व्यक्ति पैरवी के लिए मौके पर नहीं पहुंचा। जिसके चलते आयोग के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह, सदस्य नीलम कुमारी और मोहित त्यागी ने एक पक्षीय फैसला सुनाते हुए मेरठ के सुपर मैक्स हॉस्पिटल प्रबंधन को आदेश दिए हैं कि 45 दिन के अंदर पीड़िता को बतौर हर्जाना पांच लाख रुपये और वाद व्यय के तौर पर 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाए। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि समय पर हर्जाने की रकम का भुगतान नहीं किया गया तो हॉस्पिटल प्रबंधन और चिकित्सक को धनराशि पर सात फीसदी की दर से ब्याज भी देना होगा।