चित्रकूट,09 जुलाई। राजापुर थाना क्षेत्र से 30 जून को कार से मिले बुरी तरह से जल चुके शव का खुलासा हो गया है। शव रीवा निवासी सुनील सिंह का नहीं बल्कि उसके दोस्त विनय सिंह का था। जिस सुनील को मृत बता पत्नी हेमा सिंह ने अंतिम संस्कार करा दिया था, उसके जिंदा मिलने के बाद पूरे रहस्य से पर्दा उठ चुका है।
खुद सुनील ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि कर्ज चुकाने को उसने पहले दो करोड़ का बीमा कराया। फिर क्लेम हड़पने के लिए विनय सिंह से दोस्ती की और शराब के नशे में बेसुध करने के बाद कार में जिंदा फूंक दिया था। इसके बाद साजिश के तहत पत्नी ने उसका (सुनील का) शव होने का दावा किया था। प्लानिंग थी कि सुनील के नाम का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने के बाद बीमा की राशि हेमा को मिल जाएगी। इसके बाद सारा कर्ज उतारकर दोनों रीवा छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो जाएंगे। पुलिस ने हेमा को भी साजिश का हिस्सा मानते हुए दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मंगलवार को एसपी अरुण कुमार सिंह ने वारदात का खुलासा किया।
पत्नी को ब्यूटी पार्लर खुलवाने के लिए सुनील ने 35 लाख का कर्ज लिया था। लैक्मी की फ्रेंचाइजी ली थी, लेकिन कोरोना काल में फ्रेंचाइजी ब्रेक हो गई थी। फिर भी हेमा कई कर्मचारी लगाकर करीब डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह कमा रही थी उससे कर्ज की किश्त जमा करती थी। हार्वेस्टर खरीदवा दिया था। इसलिए कर्ज से परेशान थे। अक्टूबर 2024 को एचडीएफसी से दो करोड़ रुपये की बीमा कराया। फिर अपने को मरा दिखाकर क्लेम लेने के लिए अपनी कदगाठी के व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी। एक दिन शराब ठेका में तलाश पूरी हुई। जब उसे रीवा थाना सामान नाका के नेहरू नगर वार्ड 14 का रहने वाला विनय चौहान पुत्र शंभू चौहान मिला। शराब पिलाकर उसके दोस्ती बनाई। उसके आगे पीछे कोई नही है। यह जानकर सुनील काफी खुश हुआ।
28 जून को विनय को खूब शराब पिलाया और अपने साथ घर ले आया। पत्नी से मिलावाया। कुछ रुपये भी दिए। पत्नी को अमीर बनने की योजना बताई। फिर 29 जून को घर से एक छोटा सिलेंडर लेकर उसमे गैस भरवाकर कार में रखा। हारवेस्टर का एक छोटा टायर, दो बाडी स्प्रे की बोतल व कपूर पैकेट लिया और ठेका से विनय को शराब पिला कर गाड़ी में बैठा लिया। वहां से बरगढ़ पहुंचे। पहले प्रयागराज की ओर जा रहे थे लेकिन बरसात व सुनसान जगह नहीं होने के कारण लौट आया। लालता रोड होते हुए लखनऊ जाने को निकला। अमान से आगे सुनसान जगह पर गाड़ी खड़ी की। वहां पर चादर बिछाकर फिर शराब पी। नशे में होश नहीं होने पर विनय कार में बैठाया और उसके शरीर कपूर फेंककर सिलेंडर का रेगुलेटर आन कर दिया। फिर एक कपूर में आग लगाकर उसके शरीर पर फेंक दिया और वहां से भाग गया। डर था कि सिलेंडर ब्लास्ट होने पर लोग आ सकते हैं। बस पकड़ कर प्रयागराज चला गया। पांच दिन वहीं पर रहा।
30 जून को तड़के अमान गांव के लोगों ने जलती कार देखकर राजापुर पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस को कार से जल चुका शव बरामद हुआ था। हेमा सिंह और उसके पिता ने शव सुनील सिंह का होने का दावा किया था। हेमा ने यह साबित करने का प्रयास किया था कि शव पति का है।