asd लखनऊ में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, बीबीडी ग्रुप की 100 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त

लखनऊ में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, बीबीडी ग्रुप की 100 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त

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लखनऊ 05 जुलाई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए BBD ग्रुप के खिलाफ शिकंजा कस दिया है. विभाग ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए लगभग 100 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों को जब्त किया है. इन संपत्तियों में अयोध्या रोड के आसपास स्थित कई अहम जमीनें शामिल हैं. ये जमीने 2005 से 2015 के बीच लगभग 8 हेक्टेयर खरीदी गईं थी.

आयकर विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिन जमीनों की खरीद हुई थी वह मुख्य रूप से उत्तरधौना, जुग्गौर, टेराखास, सरायशेख और सेमरा गांवों में स्थित थीं. हैरानी की बात यह है कि ये जमीनें बीबीडी ग्रुप के दलित कर्मचारियों के नाम पर रजिस्टर्ड की गई थीं. इन संपत्तियों की कुल कीमत करीब 100 करोड़ रुपए आंकी गई है. आयकर विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि जिन बेनामी संपत्तियों की बात की जा रही है उनके असली मालिक BBD ग्रुप की मुखिया अलका दास और उनके बेटे विराज सागर दास हैं.

ये संपत्तियां दो कंपनियों विराज इंफ्राटाउन और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत की गई थीं. जब्त की गई संपत्तियों में लखनऊ के तेजी से उभरते क्षेत्रों में स्थित अयोध्या रोड के कई महत्वपूर्ण भूखंड शामिल हैं. इन भूखंडों पर इस समय बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहा है, जो BBD ग्रुप के विभिन्न परियोजनाओं का हिस्सा बताया जा रहा है.

बेनामी निषेध इकाई द्वारा की गई इस कार्रवाई से पहले आयकर विभाग ने कई महीनों तक विस्तृत जांच और सबूत जुटाने करने का काम किया. जांच के दौरान यह साफ हुआ कि, संबंधित संपत्तियां ऐसे व्यक्तियों के नाम पर दर्ज थीं, जिनकी आय का कोई वैध स्रोत नहीं था. जिससे कि इतनी महंगी संपत्तियां खरीदना संभव हो सके.

बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम, 1988 के तहत इन संपत्तियों को जब्त किया है, जो बाद में संशोधित रूप में 2016 में लागू हुआ। इस कानून के तहत, बेनामी संपत्तियों को जब्त करने और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है। जांच में पाया गया कि इन संपत्तियों को विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर खरीदा गया था ताकि असली मालिकों की पहचान छिपाई जा सके।

आयकर विभाग ने जांच को और गहरा करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग अब अन्य संदिग्ध संपत्तियों और BBD ग्रुप से जुड़े वित्तीय लेनदेन की भी जांच करेगा।

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