सोनीपत 05 जुलाई। साबो देवी जो सोनीपत जिले के हुल्लेड़ी गांव की रहने वाली हैं 77 साल की उम्र में भी अपनी फिटनेस से सबको हैरान कर देती हैं। सोशल मीडिया पर उनके कारनामे देखकर लोग उन्हें ‘रॉकिंग दादी’ कहने लगे हैं।
उनका कहना है कि उन्होंने जीवन में कभी अपनी फिटनेस को लेकर कोई समझौता नहीं किया। उनका टैलेंट तैराकी में भी बेहतरीन है। वह 15 फीट गहरी नहर में पुल से छलांग लगाने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उन्होंने हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगा पार की है।
साबो देवी को अपनी फिटनेस का पूरा श्रेय अपनी नियमित दिनचर्या को देती हैं। पिछले सर्दियों में जब उनके पोते ने ‘बर्फ चैलेंज’ किया तो दादी ने न सिर्फ चुनौती को स्वीकार किया बल्कि पोते को हराकर उसे मात दे दी। उनकी इस जोश और उत्साह ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं।
साबो देवी का जन्म सोनीपत जिले के सिटावली गांव में हुआ था। महज 17 साल की उम्र में उनकी शादी हुल्लेड़ी गांव के कृष्ण से हुई। 2016 में उनके पति का निधन हो गया।
उनके तीन बेटे सुभाष, संदीप, मंजीत और दो बेटियां संतोष और शकुंतला हैं। सभी बच्चे शादीशुदा हैं। साबो देवी अपने बीच वाले बेटे संदीप के पास रहती हैं। संदीप का ही बेटा है चिराग उर्फ खागड़, जो दादी साबो देवी के साथ सोशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं। दादी साबो देवी ने अपने पोते चिराग उर्फ खागड़ को 8 साल की उम्र में नहर में तैरना सिखाया था। चिराग अब 14 साल का हो चुका है।
साबो देवी ने तैराकी बचपन में ही सीखी थी। उनका गांव एक नहर के पास था और वह अक्सर पशुओं को नहलाने के दौरान तैराकी करती थीं। इतना ही नहीं, वह सर्दियों में भी नहर में छलांग लगाती हैं। साबो देवी कहती हैं कि गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में नहर में ही नहाना उन्हें पसंद है।
उन्हें इस कला का कभी एहसास नहीं हुआ कि यह एक दिन उन्हें इतनी पहचान दिलाएगा। उनका यह हुनर न सिर्फ उन्हें मशहूर कर गया बल्कि एक बार उन्होंने नहर में डूब रहे एक युवक की भी जान बचाई थी।
साबो देवी अपनी दिनचर्या के बारे में बताती हैं कि वह सुबह 4 बजे उठती हैं और सबसे पहले पानी पीकर पोते के साथ वर्कआउट करने जाती हैं। नहर के किनारे और खेतों में दो घंटे योग करती हैं फिर 2 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं।
इसके बाद वह घर लौटती हैं और पोता चिराग अखाड़े में जाता है। साबो देवी का कहना है कि उन्होंने आज तक कभी चाय नहीं पी है और अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके अपनाए हैं।