नोएडा 03 जुलाई। उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां साइबर ठगों ने एक 72 साल की बुजुर्ग सुप्रीम कोर्ट की सीनियर महिला वकील को 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा. ठगों ने उनसे 3.29 करोड़ रुपये की ठगी की. साइबर ठगों ने महिला वकील को कॉल किया.
ठगों ने महिला वकिल कहा कि उसके आधार कार्ड का उपयोग कर चार बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल हथियारों की अवैध तस्करी, ब्लैकमेलिंग और जुए के लिए लेन-देन में किया जा रहा है. ठगों ने महिला वकील को डराते हुए साइबर थाने द्वारा इन खातों के जांच करने की बात कही. इसके बाद ठगों ने महिला वकील से कहा कि अगर वो मामले में क्लीन चिट चाहती हैं, तो एक नंबर पर कॉल करें.
महिला वकील को कॉल करने के लिए नबर दिया गया. इसके बाद ठगों ने उनसे ठगी की. ठगों ने उनसे पांच बार में 3.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए. महिला से सारे रुपये आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर कराए गए. बाद में जब महिला ने अपने छोटे बेटे को ये बात बताई. फिर बेटे ने साइबर थाना पुलिस में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई. महिला वकील नोएडा के सेक्टर-47 में रहती हैं.
पीड़ित महिला वकील ने पुलिस को बताया कि 10 जून को उनके लैंडलाइन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने उनको उनके आधार कार्ड से खुले चार बैंक खातों का उपयोग गलत गतिविधियों के लिए किए जाने की बात कही. ठगों ने उसने कहा कि इस संबंध में 27 अप्रैल को पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. अगर मामले में क्लीन चीट चाहिए तो एक नंबर पर संपर्क करो.
महिला वकील ने ठगों द्वारा दिए नंबर पर संपर्क किया तो उनको डराया गया. ठगों ने वॉट्सऐप पर महिला वकील को अरेस्ट वॉरेंट भेजा. वॉट्सऐप पर ही उनको डिजिटल अरेस्ट किया गया. ठगों ने महिला वकील से कहा कि वो अपनी एफडी तुड़वा लें और सारी रकम बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दें.
ठगों ने वादा किया कि महिला वकील को क्लीन चीट मिलने के बाद सारी रकम उनको वापस दे दी जाएगी. ठगों ने अपना नाम शिव प्रसाद, प्रदीप सावंत और प्रवीण सूद बताया था.