asd हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम को 25 करोड़ रुपये जमा करने व अतिरिक्त 50 फ्लैट भी जारी करने के दिये निर्देश

हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम को 25 करोड़ रुपये जमा करने व अतिरिक्त 50 फ्लैट भी जारी करने के दिये निर्देश

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प्रयागराज 01 जुलाई।ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है. हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम 25 करोड़ रुपये जमा करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं में फ्लैट खरीदारों के पक्ष में पहले से जारी 170 फ्लैटों के अतिरिक्त 50 फ्लैट जारी करने का भी निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट में यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने तरुण कपूर और 29 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड, बिल्डर/डेवलपर ने ग्रैंड ओमेक्स और फॉरेस्ट स्पा नामक आवास परियोजनाओं के विकास के लिए नोएडा से भूमि पट्टे पर ली थी. इन दोनों परियोजनाओं में फ्लैट खरीदार याचियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया क्योंकि बिल्डर को फ्लैट की पूरी कीमत चुकाने के बावजूद उनके पक्ष में त्रिपक्षीय समझौते निष्पादित नहीं किए जा रहे थे.

प्राधिकरण इस पर अमल नहीं कर रहा था क्योंकि बिल्डर लीज समझौते के तहत 250 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहा था. बिल्डर/डेवलपर को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि संपूर्ण बकाया राशि के भुगतान के अधीन, नोएडा अपने अधिकार क्षेत्र में ओमेक्स को किसी भी परियोजना के लिए कोई अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा. इसके खिलाफ ओमेक्स ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी की, जो खारिज हो गई.

हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने बिल्डर्स/डेवलपर्स को कई तरह की छूट देकर एनसीआर क्षेत्र में अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक योजना जारी की थी. इसका लाभ उठाते हुए ओमेक्स ने 93 करोड़ रुपये (कुल बकाया का 25 प्रतिशत) जमा करा दिया. इसके अनुसार लंबित 678 में 170 फ्लैट को मुक्त कर दिया गया और सब-लीज डीड निष्पादित करने का निर्देश दिया गया.

उच्च न्यायालय ने पाया कि अगली किश्तें 15 अक्टूबर 2025, 15 अप्रैल 2026, 15 अक्टूबर 2026 और 15 अप्रैल 2027 को देय थीं. बिल्डर के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि प्राधिकरण द्वारा शुल्क की पुनर्गणना के खिलाफ एक सिविल रिवीजन किया गया था. हालांकि उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि यदि प्राधिकरण 50 और फ्लैट जारी करता है तो बिल्डर 25 करोड़ रुपये जमा करने को तैयार है. इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई थी इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि दो सप्ताह के भीतर डेवलपर/बिल्डर द्वारा 25 करोड़ रुपये जमा करने पर, 170 फ्लैट के अलावा 50 अतिरिक्त फ्लैट जारी किए जाएंगे.

डेवलपर की ओर से प्रदान की गई क्रेता-बिल्डर समझौते की तारीख/आवंटन की तारीख के साथ घर खरीदारों की सूची, साथ ही पूरक हलफनामे, उन फ्लैट के संबंध में सब लीज डीड के निष्पादन का आधार बनेंगे, जो पहले ही जारी किए जा चुके हैं या तत्काल आदेश के अनुसार जारी किए जाएंगे.

फ्लैट खरीदने वालों के वकील ने मामले को लंबित रखने पर जोर दिया ताकि डेवलपर और नोएडा से स्थिति की रिपोर्ट मांगी जा सके इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि उक्त निर्देशों के साथ पहले के अंतरिम आदेश को संशोधित किया जाए और नोएडा को सुनवाई की अगली तारीख पर स्थिति की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए.

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