लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा बीते दिवस कहा गया कि संगठन सृजन अभियान के तहत आदिवासी क्षेत्रों में दस से 15 ऊर्जावान नेता होने चाहिए। अगर संगठनात्मक शक्ति मजबूत करने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने की दृष्टि से देखें तो यह कार्य तो अपने आप और दल को मजबूत करने का यह सुझााव भविष्य में लोकसभा और विधानसभा व पंचायत चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों को जिताने के लिए अच्छा सुझाव है। मेरा तो मानना है कि देशभर में जो सामााजिक शैक्षिक और धर्मिक संस्थाएं भी अपने संगठन में दस बारह ऐसे पदाधिकारी जोड़ ले तो सबका भविष्य उज्जवल है और उसकी येाजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल सकता है। इसलिए राहुल गांधी के इस सुझाव पर हर आदमी को अमल करने के लिए योजना बनाई जानी चाहिए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
ऊर्जावान व्यवस्था को लेकर राहुल गांधी का बयान है समयानुकुल
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