पुरी 28 जून। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान शुक्रवार को बड़ी घटना हुई, जहां लगभग 625 श्रद्धालु बीमारी हो गए। भीषण गर्मी, उमस और भीड़भाड़ की वजह से स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियां उत्पन्न हो गईं और श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस दौरान भगवान बलभद्र के रथ को खींचते समय भारी भीड़ जुट गई, जिससे कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आईं।
अधिकारियों के अनुसार, अलग-अलग अस्पतालों में 625 लोगों का इलाज किया गया, जिनमें से कइयों ने उल्टी, बेहोशी और मामूली चोटों जैसे लक्षण बताए। पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. किशोर सतपथी ने बताया कि अधिकांश श्रद्धालुओं को ओपीडी में प्रारंभिक इलाज दिया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई। हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य खराब होने की वजह अत्यधिक गर्मी और उमस भरा मौसम है। पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल में लगभग 70 व्यक्तियों को भर्ती कराया गया, उनमें से 9 की हालत गंभीर बताई गई है।
सरकार ने यह भी कहा कि रथ यात्रा के दौरान कुल 40 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, 100 एंबुलेंस, और 500 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया था। इसके अलावा, पूरे मार्ग पर पानी की व्यवस्था और कूलिंग स्टेशन भी बनाए गए थे।
बालगांडी इलाके में भगवान बलभद्र का रथ, तलध्वज एक घंटे से अधिक समय तक फंसा रहा। सूर्यास्त होने से तीनों रथों को रात 8 बजे रोकने की घोषणा की गई। रथ लंबे समय तक रुके रहने के कारण इलाके में भारी भीड़ हो गई, जिससे कई श्रद्धालु फंस गए और भीड़ से बचने की कोशिश करते हुए घायल हो गए। सरकारी और प्राइवेट संगठनों के स्वयंसेवकों ने घायलों को निकालने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद आम लोगों और सामाजिक संगठनों ने बेहतर प्रबंधन की मांग की है। रथ के लंबे समय तक रुके रहने और भीड़ को नियंत्रित न कर पाने की आलोचना हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतनी भीड़ की स्थिति में तापमान, पीने के पानी और मेडिकल सपोर्ट के वैकल्पिक इंतजाम और अधिक मजबूत क्यों नहीं किए गए।