रेवाड़ी 27 जून। पूरा देश जब दुश्मन पाकिस्तान के ऑपरेशन सिंदूर के तहत जंग कर रहा था, तब सेना के हेडक्वार्टर में बंद एसी के कमरे बैठा एक युवक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए काम कर रहा था. इसने ना केवल देश की इज्जत को तार-तार किया है, बल्कि उन सभी युवकों और देश के जवानों पर इज्जत को नीलाम किया है, जो देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. उसने आईएसआई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान काफी खुफिया जानकारियां पास की थी.
इंटेलिजेंस के अधिकारी सोशल मीडिया के खातों को खंगाल ही थी कि अचानक से उनके सामने कुछ ऐसा आया कि पैरों तले जमीन ही खिसक गई. नेवी का एक नौजवान कर्मचारी पैसों की खातिर आईएसआई की गोद में खेल रहा था. इसकी पहचान हुई है नेवी अपर डिवीजनल कलर्क विशाल यादव है.
राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस एजेंसी ने विशाल को हिरासत में ले लिया है. उसके बैंक खातों की तलाशी की जा रही है. ये पता लगाने की कोशिश की जा रही कि आईएसआई के हैंडलर और विशाल के बीच कब-कब और कितने पैसों का लेन देन हुआ है.
विशाल के बैंक खातों में अभी तक 1.50 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के समय उसके खाते में 50 हजार रुपये का लेनदेन हुआ था। राजस्थान की सीआईडी अभी इसकी जांच कर रही है।
विशाल मूलरूप से रेवाड़ी जिले के गांव पुंसिका रहने वाला है, जो वर्तमान में रेवाड़ी शहर के मोहल्ला उत्तमनगर में परिवार सहित रहते हैं। दो भाई-बहनों में विशाल बड़ा है, जिसके परिवार में मां, पत्नी व दो बच्चे है। हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर रहे विशाल के पिता सुनील की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। उसके दो चाचा हरियाणा पुलिस में थे, जिनमें से एक सेवानिवृत हो चुके है। मर्चेंट नेवी में नौकरी करने वाला विशाल का चचेरा भाई भी वर्ष 2018 में मलेशिया से लापता है।
बता दें कि विशाल वर्ष 2019 में वायुसेना में बतौर क्लर्क भर्ती हुआ था। वह दिल्ली में सेना मुख्यालय में ही तैनात था। ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की सीआईडी ने मानेसर से 16 जून को हिरासत में लिया था। वह अपनी गाड़ी से दिल्ली से अपने घर आ रहा था।
विशाल अपनी गाड़ी से 16 जून को दिल्ली से घर के लिए निकला था। इसके बाद से वह लापता था। 22 जून को उसने चचेरे भाई को फोन कर बताया कि वह कहीं घूमने गया है दो दिन में आ जाएगा। स्वजन के अनुसार इसके बाद पुलिस से उसका फोन सर्विलांस पर लगवाया। जिसकी आखिरी लोकेशन मानेसर की मिली। परिवार मानेसर पहुंचा तो वहां उसकी गाड़ी खड़ी मिली। आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि कुछ लोग बोलेरो गाड़ी में विशाल को ले गए है। किसी ने गाड़ी का नंबर भी नोट कर लिया था। बोलेरो गाड़ी के नंबरों की जांच तो पता चला कि वह इंटेलीजेंस जयपुर के पुलिस अधीक्षक के नाम है।
उसके बाद 24 जून को विशाल के चाचा ने जयपुर जाकर पुलिस अधीक्षक से बात की। पूछताछ करने पर सीआइडी ने गिरफ्तारी की जानकारी दी। विशाल के खाते में पाकिस्तान से हुई ट्रांजैक्शन, पाकिस्तानी हैंडलर के साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप के अलावा दूसरी इंटरनेट साइटस पर की गई चैटिंग के बारे में विस्तार से बताया गया।
राजस्थान की सीआइडी ने वर्ष 2022 में प्रिया नाम की एक महिला के साथ जासूसी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच के बाद पाया कि विशाल भी प्रिया की फ्रेंड सूची में था। प्रोफाइल जांच के बाद पता चला कि विशाल नौसेना के दिल्ली मुख्यालय में बतौर क्लर्क तैनात है। इसके बाद जांच एजेंसियों ने उस पर भी नजर रखना शुरू कर दिया था।