नई दिल्ली 25 जून। AXIOM-4 Mission की सफल लॉन्चिंग हो चुकी है। फाल्कन रॉकेट ने सफलकतापूर्वक अंतरिक्ष की ओर उड़ान भर ली है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। लॉन्चिंग होते ही लखनऊ स्थित उनके स्कूल सीएमएस में सभी बच्चों और टीचरों ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की. साथ ही वहां पर मौजूद शुभांशु के माता-पिता को बधाई-शुभकामनाएं दीं.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए रवाना हो चुका है. इस मिशन को बुधवार दोपहर 12:01 मिनिट पर लॉन्च किया गया. इस मिशन में शुभांशु के अलावा अन्य 3 लोग भी मौजूद हैं, जो 28 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे.
कई बार टली लॉन्चिंग
बुधवार दोपहर 12:01 मिनिट पर आखिरकार एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग हो गई. इससे पहले कई अलग- अलग कारणों की वजह से एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग टली है. पहले से फिक्स शेडयूल की बात करें तो 29 मई को प्रक्षेपित किया जाना था. हालांकि इसे उस समय टाल दिया गया बाद में 8 जून, 10 जून और 11 जून के लिए टालना पड़ा गया था. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद 24 जून को इसकी लॉन्चिंग की गई.
शुभांशु शुक्ला के स्कूल सिटी मोंटेसरी स्कूल, कानपुर ब्रांच में ही एक मिशन कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई. स्कूल में बने मिशन कंट्रोल सेंटर में बच्चों को इस पूरे ऐतिहासिक घटना और इससे जुड़े चीजों के बारे में जानकारी दी गई.
स्कूल में साइंस प्रोजेक्ट के माध्यम से स्पेस से जुड़ी चीजों को बारे में बताया गया. स्कूल में एक साइंस एग्जीबिशन भी लगाई गई है. जहां पर चंद्रयान सहित भारत के अब तक के अंतरिक्ष अभियानों के दर्शाया गया है. साथ ही अंतरिक्ष अभियानों में किस तरह के रोबोट, रॉकेट, और मवर्स का प्रयोग किया गया, उनके मॉडल भी प्रदर्शित किए गए हैं.
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा’
Axiom-4 मिशन लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला रोमांचक संदेश भेजा है. जिसमें उन्होंने कहा कि “नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या यात्रा है! हम 41 साल बाद एक बार फिर अंतरिक्ष में वापस आए हैं. यह एक अद्भुत सवारी है. हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं. मेरे कंधों पर उभरा हुआ तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं. मेरी यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. मैं चाहता हूं कि आप सभी इसका हिस्सा बनें. इस यात्रा पर आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाना चाहिए… आइए मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें!”
कब पहुंचेंगे और कितने समय तक अंतरिक्ष में रुकेंगे शुभांशु?
अंतरिक्ष में ये Axiom-4 का चौथा प्राइवेट मिशन है. ये नासा और SpaceX का संयुक्त मिशन है. इस स्पेस मिशन में 4 देशों के 4 एस्ट्रोनॉट शामिल हैं. ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी जिनके एस्ट्रोनॉट मिशन में शामिल हैं. चारों अंतरिक्ष यात्री 14 दिन स्पेस में रहने वाले हैं. शुभांशु और टीम का 28 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने का अनुमान है.