यूपी के 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी हो गया है। इसकी परेशानियों से लोगों को बचाने और बीमारियों को रोकने का काम स्थानीय निकाय के अधिकारियों को करना है। महापौर व नगरायुक्त जानकारों का कहना है कि 155 साल में मेरठ में पांचवी बार सबसे ज्यादा बारिश का योग बन रहा है। बारिश होना और मानसून आना नई बात नहीं है। लेकिन जिस प्रकार से शहर में नाले गंदगी से भरे पड़े हैं और सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं और सड़क बनाने के नाम पर जो गंदगी व्याप्त हो रही है। और उससे होने वाली बीमारियों को लेकर नागरिकों में जो चिंता है उसे गलत नहीं कह सकते। पीएम ने स्वच्छता के साथ साथ योग के प्रति जागरूक करने हेतु आज योग दिवस सफलता के साथ पूरा कराया लेकिन शहरों में अगर सफाई नहीं होगी तो बारिश होने पर सड़क पर गंदगी बहेगी और पैदा हो रहे मच्छर बीमारियों को बढ़ाएंगे। महापौर और नगरायुक्त जिस प्रकार सरकार लोगों को निरोगी रखने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। आप भी अब बयान देने और लाल पीले होने की बजाय सकारात्मक रूख अपनाकर कुछ ऐसा कराईए कि सफाई के लिए आया बजट कागजी आंकड़ों में ना फंसकर उससे नालों की सफाई कराई जाए और कूड़ा उठवाया जाए। और बीमारियां कम करने की कोशिश कीजिए क्योंकि एक दो दिन में मानसून शुरू हो जाएगा और जनता काफी मानसिक कष्ट झेल रही है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मेयर और नगरायुक्त जी बयान देने की बजाय जलभराव की समस्या को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले कूड़ा उठवाने और नाले की सफाई का काम कराईये
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