asd मुख्यमंत्री जी नगर निगम को बॉड जारी करने की अनुमति देने से पहले शहर में सफाई पेयजल की उपलब्ध और गडढा मुक्त सड़क की व्यवस्था सुनिश्चित कराईए

मुख्यमंत्री जी नगर निगम को बॉड जारी करने की अनुमति देने से पहले शहर में सफाई पेयजल की उपलब्ध और गडढा मुक्त सड़क की व्यवस्था सुनिश्चित कराईए

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गत 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री द्वारा नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान मेरठ कानपुर गोरखपुर नगर निगम को शहर के विकास के लिए म्यूनिसिपल बॉंड जारी करने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे। बताते हैं कि गाजियाबाद आगरा वाराणसी में यह बॉड स्कीम लागू हैं और लगता है कि इस स्कीम से मेरठ का विकास होगा। मुख्यमंत्री जी हर कोई चाहता है कि उसका घर और शहर साफ सुथरा और सौंदर्यीकरण से युक्त हो और इसके लिए जो प्रयास करता है वो बधाई का पात्र होता है। आपके द्वारा इन नगर निगमों के लिए इतना सोचा गया वो बड़ी बात कही जा सकती है। मगर मुख्यमंत्री जी जो खबरें पढ़ने को मिलती हैं कि मेरठ सहित 183 नगर निकाय हिसाब किताब देने में भी फिसडडी हो गई है तथा जो विभाग अपने क्षेत्र के नागरिकों को बढ़ाचढ़ाकर भेजे जा रहे गृहकर बिलों को सही नहीं कर पा रहो और इसके अलावा सरकार के स्वच्छ जल उपलब्ध कराने पथ प्रकाश की व्यवस्था करने और नाले नालियों की सफाई व कूड़ा उठवाने व निगम क्षेत्र की सड़कें गडढा मुक्त कराने के लिए सरकार से भारी बजट मिलने के बाद भी आए दिन हालत बद से बदतर जिन अफसरों की मौजूदगी में होती जा रही है।
मानसून आने वाला है लेकिन विभागीय मंत्री और अफसरों के निर्देश के बाद भी सफाई होना तो दूर गंदगी और ज्यादा नजर आने लगी है। कूड़े से भरे नाले कहीं साफ होते नजर नहीं आए। हमारे महापौर और नगरायुक्त इन चीजों को देखकर लाल होना व तिलमिलाने और जांच के आदेश देने की खबरें तो खूब मिलती है लेकिन उन पर अमल हुआ नहीं लगता। मैं यह तो नहीं कहता कि प्रयास किए जाएंगे तो सुधार नहीं होगा लेकिन प्रयास होने तो चाहिए। ऐसे में जो बॉड जारी करने की बात सामने आ रही है सरकार एक बार योजना को मंजूरी देने से पहले अफसरों की कार्यप्रणाली की समीक्षा कराए क्योंकि पहले स्मार्ट सिटी के नाम पर पैसा तो खूब खर्च हुआ लेकिन परिणाम ठाक के तीन पात रहा। इस योजना में तो जनप्रतिनिधियों ने खूब हिस्सा लेकिन फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। बॉड जारी हो शहर का विकास हो यह अच्छी बात है लेकिन जैसा अन्य मदों मं आया बजट तो खर्च हो जाता है और काम होता नजर नहीं आता उसी प्रकार बॉड की स्थिति ना हो और उसका खामियाजा नागरिकों को ना भुगतना पड़े उसके लिए पहले योजना तैयार की जानी चाहिए क्योंकि 300 करोड़ की जमा पूूंजी पर निगम द्वारा बॉड जारी करने की सूचना से अनेक चर्चाएं चल रही है और गले नहीं उतर रहा है कि नगर निगम इसके बाद भी कुछ कर पाएगा। पहले नगरायुक्त और महापौर को निर्देश दिए जाएं कि बॉड जारी करने से पहले सड़कों को गढडा मुक्त करने और मानसून में जलभराव ना होने की व्यवस्था की जाए। सरकार को भी इसका लाभ मिलेगा।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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