asd डिजिटल होगी जनगणना, 35 लाख़ से ज्यादा कर्मी करेंगे काम, 16 भाषाओं में होगा मोबाइल एप

डिजिटल होगी जनगणना, 35 लाख़ से ज्यादा कर्मी करेंगे काम, 16 भाषाओं में होगा मोबाइल एप

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नई दिल्ली, 16 जून। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। इसके लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गत दिवस जनगणना कराने की तैयारियों की समीक्षा की थी। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, महापंजियन एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सरकारी बयान के अनुसार, यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। एप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, 16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी। 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा।

दो चरणों में की जाएगी जनगणना
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (एचएलओ) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण (जनसंख्या गणना) में प्रत्येक घर के हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किए जाएंगे।

आजादी के बाद 8वीं जनगणना: यह जनगणना भारत की16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये की जाएगी। नागरिकों के लिए स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा भी उपलब्ध होगी। डाटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संग्रह, संचरण और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी और यह जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद होगी।

देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात की तारीख को आधार माना जाएगा। लेकिन, ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में यह तारीख 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। खराब मौसम के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है।

21 महीने में पूरी होगी जनगणना
जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में ही जारी हो जाएगा। हालांकि विस्तृत डेटा जारी होने में साल के आखिर तक का इंतजार करना पड़ेगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी।

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