asd जीना हराम कर रही है डीजे की आवाज, डीएम एसएसपी कराएं आदेशों का पालन

जीना हराम कर रही है डीजे की आवाज, डीएम एसएसपी कराएं आदेशों का पालन

0

डीजे की कानफोडू आवाज और इनके संचालकों की हठधर्मी और इन्हें बुलाने वालों द्वारा शासन प्रशासन के निर्देशों के अवहेलना की बढ़ती प्रवृति आम आदमी के लिए काफी कष्टदायक होती जा रही है। जहां पर यह बजता है उस इलाकों के घरों की दीवारें थराथराती है और इसके शोर से ना तो लोग चैन से सो पाते हैं ना जरूरी काम कर पाते हैं। छात्रों और अस्पतालों के लिए तो यह बहुत की नुकसानदायक है। बच्चे पढ़ नहीं पाते और मरीजों को इससे परेशानी होती है। कमजोर दिल के मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा भी बना रहता है।
शायद इसी कारण से नागरिक सामाजिक रूप से इनका बहिष्कार करने की कोशिश करने लगे हैं जैसा कि जनपद बिजनौर के तहसील धामपुर के एक गांव में हुए निकाह के वलीमे की दावत में डीजे बजाने और डांस कराने पर समाज के लोगों ने बहिष्कार कर दिया। परिणामस्वरूप सिर्फ शादी समारोह में परिवार के सदस्य ही शामिल हुए बाकी और नही। यह इस बात का प्रतीक है कि आम आदमी इसे लेकर काफी परेशान इतना हो गया है कि वह समारोह का बहिष्कार करने लगे हैं। कुछ ही दिनों में कांवड़ मेला शुरू होने वाला है। उत्तराखंड यूपी, और दिल्ली हरियाणा राजस्थान में इस यात्रा के दौरान बजने वाले डीजे पर अनेक प्रतिबंध शासन प्रशासन और सरकार द्वारा लगाए जाते हैं लेकिन मजबूत इच्छाशक्ति ना होने के चलते यह रोक के आदेश हाथी के दांत खााने के और दिखाने के और के समान ही बनकर रह जाते है। पूर्व में अदालत और सरकार ने तेज आवाज में डीजे बजाने पर रोक के साथ ही कई निर्देश दिए हैं लेकिन थानेदारों की लापरवाही से यह आदेश लागू नहीं हो पाते हैं। आखिर इनसे परेशान नागरिक क्या करें क्योंकि कोर्ट भी इन पर रोक के आदेश कर चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साहब आप मजबूत इरादों के मंत्री हैं इसलिए आपसे उम्मीद की जाती है कि डीजे के नियम लागू कराने के आदेश जिलों के अधिकारियों को कराने के लिए मजबूर किया जाए कि वे इस रोक के आदेश का पालन कराएं क्योंकि इनकी आवाज अब सहनशक्ति से बाहर होती जा रही है।
हम या कोई भी नागरिक धार्मिक यात्रा या समारोह में डीजे बजाने का विरोधी नहीं है लेकिन जितनी तेज आवाज और धमक के साथ इनके संचालक बजाते हैं उसका विरोध है। मेरा मानना है कि डीएम और एसएसपी थानेदारों के माध्यम से डीजे संचालकों की बैठक बुलाएं और उनसे तेज आवाज में डीजे ना बजाने का शपथ पत्र ले। और अगर फिर भी बजाते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई हो। कुल मिलाकर कहने का आश्य यह है कि डीजे की तेज आवाज अब सारी सीमाएं लांघती जा रही हैं। इस पर और इनके संचालकों पर जनहित में कार्रवाई होनी चाहिए और सरकार के आदेशों का पालन कराने की बात ध्यान में रखते हुए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680