हापुड़ 13 जून। हापुड़ में थाना पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा पर टोलकर्मियों को अधिवक्ता के कार चालक से की गई बदसलूकी और अंगूठी छीनने की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। मामले का संज्ञान लेते हुए एनएचएआई ने टोल संचालक पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि अधिकारी अभी इस प्रकार का आदेश न मिलने की बात कर रहे हैं।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब कार के मालिक अधिवक्ता दीपक चौहान ने एनएचएआई के अधिकारियों से शिकायत की। इस मामले में एसपी के आदेश पर रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी।
आवास विकास कालोनी के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि गांव का आसिम उनके पास काम करता है। एक जून की रात आसिम उनकी कार लेकर उनके छोटे गौरव चौहान को दिल्ली हवाई अड्डे से लेने जा रहा था। रात के करीब साढ़े 11 बजे वह थाना पिलखुवा क्षेत्र के छिजारसी टोल प्लाजा पर पहुंचा। किसी कारण वश फास्टैग से टोल शुल्क नहीं कटा। इस पर टोलकर्मियों ने कार को आगे नहीं जाने दिया।
टोलकर्मियों ने आसिम से टोल शुल्क के रुपये मांगे। इस पर आसिम ने रुपये न होने की बात कही। इस पर टोलकर्मियों ने उसके हाथ की अंगुली से सोने की अंगूठी उतरवा ली और अपने पास रख लिया। इसके बाद आसिम कार लेकर दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचा। वहां से वापस लौटने के बाद आसिम ने मामले की जानकारी उन्हें दी।
एसपी से शिकायत के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत एनएचएआई के अधिकारियों से की थी। एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने जारी पत्र में बताया कि दीपक चौहान द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जांच की गई।
वहीं, जांच में पता चला कि आसिम की कार एक जून की रात टोल प्लाजा पर पहुंची थी और उस समय टोल प्लाजा पर काफी देर तक जाम लगा रहा। इसके अलावा, यह भी सामने आया कि टोल प्लाजा पर बार-बार हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
प्राधिकरण को बिना सूचित किए टोल प्लाजा की लेन बंद कर दी जाती हैं, जिससे जाम और प्रतीक्षा अवधि बढ़ जाती है। इस प्रकार की घटनाओं के कारण यात्रियों और सड़क उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एनएचएआई को नियमित रूप से दुर्व्यवहार की शिकायतें मिल रही थीं। इसी आधार पर टोल प्लाजा पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना राशि को सात दिनों के अंदर जमा कराना होगा, अन्यथा यह राशि रियायत समझौते के अनुसार निष्पादन सुरक्षा के नकदीकरण द्वारा वसूल की जाएगी।
इसके साथ ही, कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि भविष्य में कोई भी दुर्व्यवहार न हो, अन्यथा रियायत समझौते के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।