asd किसान मनोहर की मौत, मंडलायुक्त के पास पहुंचे राकेश टिकैत, अन्नदाता की जमीन पर कब्जा कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का मेडा अफसरों पर लगाया आरोप

किसान मनोहर की मौत, मंडलायुक्त के पास पहुंचे राकेश टिकैत, अन्नदाता की जमीन पर कब्जा कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का मेडा अफसरों पर लगाया आरोप

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किसान नेता भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा मेरठ मंडलायुक्त से मिलकर आरोप लगाया कि मेडा के अफसर पूंजीवादियों से मिलीभगत कर किसानों की जमीन पर कब्जे कर रहे हैं और जमीन पूंजीपतियों को दे रहे हैं अधिकारी। उन्होंने कहा कि गंगानगर के प्रगति नगर निवासी किसान मनोहर की जमीन अधिग्रहित की गई। कई सालों से किसान मुआवजे के लिए भटकता रहा लेकिन अफसरों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। बीती आठ जून को वह बिजली टावर से नीचे कूद गया। घायल मनोहर ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। राकेश टिकैत ने इस बारे में मंडलायुक्त से पीड़ित परिवार को सहायता और दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिनके कारण उसकी मौत हुई। सारी बातें सुन मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त अमित कुमार को प्रकरण की जांच सौंपते हुए 15 दिन में जांच रिपोर्ट के निर्देश दिए। बताते चलें कि इससे पूर्व राकेश टिकैत तथा जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी कार्यकर्ताओं संग मनोहर के आवास प्रगति नगर पहुंचे और उनकी बेटियों को सांत्वना दी। घटना पर गहरा दुख जताते हुए उनसे हौंसला बनाए रखने का आग्रह किया। जनसमस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत मंडलायुक्त से यह उम्मीद की जाती है कि वह किसान नेता की मांग पर कार्रवाई करेंगे और पूंजीपतियों की सुन रहे मेडा के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। अगर किसान नेता राकेश टिकैत की बात पर ध्यान दें तो यह स्पष्ट होता है कि खासकर मेडा के कुछ अधिकारी हर मामले में पंूजीपतियों की बात सुनने के लिए ही चर्चाओं में रहते हैं। पिछले दिनों एक बड़ी टाउनशिप की घोषणा की गई उसमें भी यह बात खूब चर्चाओं में रही कि योजना से लगी कई बीघा जमीन अनकहे रूप में एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए अधिग्रहण से बाहर रखी गई। यह भी बात सही है कि आवासीय योजना व कॉलोनियों के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा आखिर किसानों से वार्ता कर अधिकारी निस्तारण क्यों नहीं कर रहे। राकेश टिकैत की मांग किसानों की जमीन पर जबरन हो रहे कब्जे और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम हो रहे हैं इन बिंदुओं पर जांच होनी चाहिए। क्योंकि अब समय आ गया है कि पूंजीपतियों की नहीं आम आदमी और अन्नदाता किसान की बात सुनने और उसकी समस्याओं का समाधान किया जाए। अवैध कॉलोनी काटने और अवैध निर्माण करने वालों को जो लाभ मेडा के अधिकारी पहुंचा रहे हैं उस पर अब अंकुश लगना चाहिए। क्योंकि अगर किसान की समस्या का समाधान नहीं होगा तो देश में अन्नदाता की अनदेखी के चलते कई समस्याएं खड़ी हो सकती है इसलिए मंडलायुक्त को राकेश टिकैत की मांग और सुझावों को लागू करने के लिए अधिकारियों को बुलाकर उनसे पूछा जाए कि ऐसा क्यों हो रहा है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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