नई दिल्ली 06 जून। नए वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अभी आना बाकी है। इस बीच सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक कानूनी पोर्टल आज लॉन्च किया है। इस पोर्टल में सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पोर्टल को लॉन्च किया, जो 1995 के वक़्फ़ कानून में संशोधन के बाद बने नए UMEED कानून के क्रियान्वयन का हिस्सा है.
नए कानून और पोर्टल की पृष्ठभूमि
पिछले संसद सत्र में 1995 के वक़्फ़ कानून में बदलाव करते हुए इसका नाम बदलकर UMEED कानून कर दिया गया. यह नया कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ है. इसके तहत देश भर की सभी वक़्फ़ संपत्तियों की जानकारी 6 महीने के भीतर, यानी 8 अक्टूबर 2025 तक, UMEED पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है. उस दिन से पहले देश में मौजूद सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी छह महीने के भीतर पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। सेक्शन 5 के तहत औकाफ (वक्फ दान करने वालों) की सूची भी अपलोड करनी होगी। सेक्शन 36 के तहत नए वक्फ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पोर्टल पर करना होगा। औकाफ यानी दान करने वालों की जानकारी के लिए रजिस्टर का रखरखाव भी करना होगा। वक्फ की देखभाल करने वाले मुतवल्ली के खातों का रखरखाव और उसकी जानकारी भी पोर्टल पर देनी होगी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि कुछ लोगों ने इस कानून का दुरुपयोग करने का रास्ता खोजा था, उनका अपना स्वार्थ था, लेकिन अब कानून बन चुका है। इससे गरीब मुसलमानों को फायदा होगा। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए। कई लोग जानकारी के अभाव में इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए।