जयपुर, 02 जून। देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग परीक्षा जेईई एडवांस्ड का परिणाम जारी हो गया है, जिसमें एक बार फिर शिक्षा की काशी कोटा ने टॉप किया है। परीक्षा परिणाम में पूरे देश में शिक्षा नगरी का डंका बजा है। कोटा से राजित गुप्ता ने ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की है। वहीं सक्षम जिंदल ने दूसरी रैंक हासिल की है। राजित मूल रूप से कोटा के महावीर नगर इलाके के निवासी है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और कोचिंग संस्थान को दिया है। वहीं दूसरे नंबर पर सक्षम जिंदल ने जगह बनाई है। इसी तरह अक्षत चौरसिया ने ऑल इंडिया छठी रैंक और देवेश पंकज ने ऑल इंडिया 8वीं रैंक हासिल की है। वहीं टॉप 50 और टॉप 100 में भी कोटा ने वर्चस्व कायम किया है। पहली रैंक हासिल करने वाले राजित ने जेईई मेन 2025 में 100 पर्सेंटाइल हासिल कर ऑल इंडिया में 16वीं रैंक बनाई थी। राजित के टॉपर आने के बाद पूरे परिवार में खुशियों की लहर है। अपनी सफलता पर राजित ने बताया, ‘खुशी मेरी सफलता की कुंजी है। मैं हर स्थिति में खुश रहता हूं। मैं पढ़ाई के लिए कभी भी सख्त शेड्यूल का पालन नहीं करता था, क्योंकि इससे अनावश्यक दबाव बनता है। इसलिए मैं तभी पढ़ता था जब मेरा मन करता था, लेकिन मैं जितने समय भी पढ़ता था, अच्छी तरह से पढ़ता था’।
राजित कोटा के स्थानीय निवासी है। उन्होंने इससे पूर्व जेईई मेन जनवरी सेशन में 100 परसेन्टाइल एवं जेईई मेन अप्रैल सेशन में भी ऑल इंडिया रैंक 16 हासिल कर शिक्षा की काशी कोटा का मान बढ़ा चुके हैं। राजित ने 10वीं कक्षा 96.8 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की थी। राजित ने बताया कि पढ़ाई के दौरान सबसे ज्यादा फोकस रहता था कि गलतियों को रिपीट नहीं करूं, क्योंकि गलतियां दूर होने से ही आपकी सब्जेक्ट में नींव मजबूत होती है। डाउट्स क्लीयर होने के बाद ही वे टॉपिक में आगे पढ़ते थे।
राजित के पिता दीपक गुप्ता बीएसएनएल में उपमंडल अभियंता हैं। उनकी मां डॉ. श्रुति अग्रवाल जेडीबी कॉलेज में होम साइंस सब्जेक्ट की प्रोफेसर हैं। राजित के पिता ने 1994 में आरपीईटी में 48वीं रैंक हासिल की थी। राजित के पिता दीपक ने बताया कि हमारे समय में आईआईटी का उतना क्रेज नहीं था। उस समय राजस्थान में तीन ही इंजीनियरिंग कॉलेज थे इसलिए आरपीईटी काफी प्रतिष्ठित एग्जाम माना जाता था। कोटा इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की, फिर एनआईटी प्रयागराज (उस समय इलाहबाद) से एमटेक की। फिलहाल बीएसएनएल में उपखंड अभियंता हूं।
वहीं दूसरी रैंक पर आने वाले हिसार के सक्षम जिंदल हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय कोटा के माहौल को देते हैं। उनके पिता डॉ. उमेश जिंदल पैथोलॉजिस्ट और मां अनीता जिंदल फिजियोथैरेपिस्ट हैं। सक्षम जिंदल का कहना है कि जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी निश्चित ही चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन जब समर्पण, स्पष्ट उद्देश्य और सशक्त मार्गदर्शन साथ हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता। उनका कहना है कि कोटा का चयन जेईई की तैयारी के लिए करना कॅरियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ’। सक्षम पिछले दो साल से कोटा के क्लासरूम स्टूडेंट हैं। उसने जेईई मेन जनवरी में 100 परसेन्टाइल स्कोर किए थे एवं जेईई मेन अप्रैल सेशन में भी ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल की थी। सक्षम ने इससे पहले 10वीं कक्षा 98 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। जबकि इसी वर्ष उसने जेईई एडवांस्ड क्रेक करने के साथ-साथ 12वीं कक्षा भी 96.4 प्रतिशत अंकों से पास की है। सक्षम क्रिकेट में अण्डर 14 डिस्ट्रिक्ट लेवल पर खेल चुके हैं। क्रिकेट में कॅरियर बनाने के सवाल पर सक्षम ने बताया कि वे इस फील्ड में जाना चाहते थे लेकिन, कोविड के दौरान प्रेक्टिस बंद हो गई थी फिर उनका फोकस पूरी तरह से पढ़ाई पर हो गया था।
सक्षम ने बताया कि माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। उन्होनें हमेशा फ्रीडम दी। मुझे वही करने दिया जिसमें मेरा मन है। उनकी वजह से ही बिना किसी दबाव के पढ़ सका और इसी वजह से ही जेईई एडवांस्ड में इतनी बड़ी सफलता हासिल कर सका। गणित शुरु से ही सक्षम का पसंदीदा विषय रहा है इसलिए उन्होंने इसमें ही कॅरियर बनाने का सोचा। उनका आईआईटी मुंबई में जाने का सपना था जो कि अब साकार होने जा रहा है। उनका कहना है कि कोटा के माहौल का भी पूरा सहयोग रहा। कोटा में हर कोई एक-दूसरे को सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। सक्षम ने बताया कि पूरी कोशिश रहती थी कि हर विषय को गहराई से समझूं। सवालों का अभ्यास बार-बार करता था। इससे विश्वास मजबूत हुआ।