मुंबई 17 मई। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) में साल 2009 से सरकारी और प्राइवेट जमीन पर आवासीय भवनों के कथित अवैध निर्माण मामले में मुंबई और हैदराबाद में 13 जगहों पर छापेमारी की है. इस दौरान 8.4 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण जब्त किए. मुंबई में टाउन प्लानिंग के डिप्टी डायरेक्टर वाई एस रेड्डी को कैश और सोने-हीरे के गहनों के साथ पकड़ा गया है. उनके पास से करोड़ रुपए कैश और सोने-हीरे के आभूषण मिले हैं. बुधवार को शुरू हुई ये कार्रवाई गुरुवार तक जारी रही.
मामला 2009 से वीवीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और प्राइवेट जमीन पर रेजिडेंशयल और कमर्शियल भवनों के कथित अवैध निर्माण से जुड़ा है. ईडी ने एक बयान में कहा कि वसई विरार शहर की स्वीकृत विकास योजना के मुताबिक, अवजल शोधन संयंत्र और ‘डंपिंग ग्राउंड’ के लिए आरक्षित भूमि पर 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया. जांच के दौरान पाया गया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य जारी है, जो 2009 से विभिन्न वीवीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है.
छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों से वसई विरार क्षेत्र में अवैध निर्माण के व्यापक घोटाले का पता चला है. आरोपी बिल्डरों और ‘डेवलपर्स’ ने ऐसी जमीन पर अवैध इमारतें बनाकर और बाद में मंजूरी के फर्जी दस्तावेजों के जरिए उन्हें बेचकर आम जनता को धोखा दिया है, जिसे बेचा या बनाया नहीं जा सकता.
खरीदारों को गुमराह करके बेचे फ्लैट्स
डेवलपर्स ने लोगों को गुमराह करके इन अनधिकृत इमारतों में कमरे खरीदने के लिए झांसे में लिया. जबकि उन्हें पहले से पता था कि इन इमारतों को गिराया जाना है. ईडी ने बिल्डरों, स्थानीय गुंडों और अन्य के खिलाफ मीरा भयंदर पुलिस आयुक्तालय द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की.
बता दें कि ईडी मुंबई जोनल कार्यालय ने 14 मई और 15 मई को पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी अभियान चलाया था. इस दौरान करीब 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे जड़ित आभूषण, सोना और बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.