asd मुख्यमंत्री जी मेडा आदि के शिकायतों का फर्जी निस्तारण करने वाले अफसरों को भी किया जाए चिन्हित, अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार 139 कर्मचारियों और आठ अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई; विभाग प्रमुख अब जो अवैध निर्माण आवास विकास क्षेत्र में युद्धस्तर पर हो रहे हैं उनके खिलाफ तो करें कार्रवाई

मुख्यमंत्री जी मेडा आदि के शिकायतों का फर्जी निस्तारण करने वाले अफसरों को भी किया जाए चिन्हित, अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार 139 कर्मचारियों और आठ अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई; विभाग प्रमुख अब जो अवैध निर्माण आवास विकास क्षेत्र में युद्धस्तर पर हो रहे हैं उनके खिलाफ तो करें कार्रवाई

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इसे माननीय उच्च न्यायालय की कार्रवाई का असर कहें या सरकार द्वारा समय समय पर दिए जाने वाले निर्देशों का परिणाम जो भी हो अब अगर सबकुछ सही चला तो शहर में दिन में कई बार लगने वाले जाम और युद्ध स्तर पर होने वाले अवैध निर्माण एवं कच्ची कॉलोनियों के विकसित होने पर रोक और सभी निर्देशों का पालन ना कराने वाले निरंकुश अधिकारी और कर्मचारियों पर अब अंकुश लगेगा और कार्रवाई भी होगी। बताते चलें कि आवास विकास सेंट्रल मार्केट को तोड़ने की चल रही कार्रवाई के चलते यह तय हुआ बताते हैं कि 139 कर्मचारियों तथा 661/6 के अवैध व्यासायिक निर्माण के लिए जिम्मेदार आठ अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
बताते चलें कि 2014 तक आवास विकास परिषद में तैनात जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यकाल में तोड़े जाने वाले सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर के निर्माणों के लिए जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी बख्शें नहीं जाएंगे। मेरठ ही नहीं हर शहर जहां अवैध निर्माण और कच्ची कॉलोनियों का विकास होता है वहां का हर आदमी जानता है कि यह सब विकास प्राधिकरण आवास विकास नगर निगम आदि में इनको रोकने के जिम्मेदार अफसरों की निरंकुश कार्यप्रणाली और माल कमाने तथा रातो रात रईस बनने व बैंक बैलेंस बढ़ाने के लिए इन निर्माणों की तरफ से तो मुंह फेर ही लिया जाता है। अगर सही मायनों में जांच हो गई तो आवास विकास और मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा के बड़ी तादात में अफसर सरकार की निर्माण नीति के खिलाफ जाकर निर्माण कराने और सरकारी भूमि घिरवाने के लिए जिम्मेदार सिद्ध होंगे। कई तो एफआईआर होने के साथ साथ जेल भी भेजे जा सकते हैं क्योंकि इनकी मिलीभगत से नाले नालियों हरित पटटी रोड वाइडनिंग और नजूल की भूमि पर भी बेहिसाब कब्जे हुए और हो रहे हैं। एक तरफ 139 कर्मचारियों और आठ अधिकारियों पर मुकदमों की तैयारी चल रही है दूसरी तरफ आवास विकास के क्षेत्र में ही बड़ी संख्या में एई जेई की मेहरबानियों से मानचित्र पास बताकर उसके विरूद्ध धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे है। मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल पर होने वाली शिकायतों का आवास विकास और मेडा के अफसर फर्जी निस्तारण कर अवैध निर्माणों व सरकारी भूमि घेरने को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी आपके द्वारा जब से यूपी की बागडोर संभाली गई है। कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं कि कच्ची कॉलोनियां काटने अवैध निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की जाए और इसके लिए दोषी अधिकारियों को भी चिहिन्त किया जाएं मगर निर्णय का पालन कराने वाले अफसर जानकारी के अभाव में तथा अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले इलाकों का भ्रमण ना करने और अवैध निर्माणों की शिकायत का मौका निरीक्षण ना करने के चलते अब शहरों के साथ साथ कस्बों और देहातों में कालोनाइजर कृषि भूमि पर कच्ची कॉलोनी काटने और कॉम्पलैक्स काटने में लगे हैं। 139 कर्मचारियेां और आठ अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की खबर इस मामले में आम आदमी के लिए आशा की किरण है क्योंकि इससे उन्हें कई प्रकार की राह मिलेगी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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