भोपाल 17 मई। एक युवक को होटल में पानी की बोतल पर 1 रुपए का अतिरिक्त जीएसटी वसूलना महंगा पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने होटल मोती महल डीलक्स को दोषी ठहराते हुए 8 हजार 1 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मामला 15 अक्टूबर 2021 का है। ग्राहक ऐश्वर्य निगम ने दोस्तों के साथ खाना खाया था। बिल में पानी की बोतल पर एमआरपी से ज्यादा पैसे और जीएसटी वसूला गया था। शिकायत के बाद फोरम ने 4 साल बाद यह फैसला सुनाया।
भोपाल के ऐश्वर्य निगम ने अपने दोस्तों के साथ होशंगाबाद रोड स्थित मोती महल डीलक्स होटल में खाना खाया था। खाने का बिल 796 रुपए बना। बिल में बिसलेरी पानी की बोतल की कीमत 29 रुपए बताई गई, जबकि बोतल पर एमआरपी 20 रुपए लिखी थी। होटल ने 1 रुपए अतिरिक्त जीएसटी भी वसूला।
ऐश्वर्य निगम ने होटल मैनेजमेंट से इसकी शिकायत की। इस पर विवाद हो गया। होटल वालों का कहना था कि पानी की बोतल लेनी ही पड़ेगी। उन्होंने पानी के लिए ग्लास तक नहीं दिए। शिकायत पर कोई हल नहीं निकलने पर ऐश्वर्य निगम ने उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया।
होटल ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने ग्राहक को मेनू कार्ड दिया था। उसमें कीमत और जीएसटी का जिक्र था। होटल ने कहा कि वे बैठने, एयर कंडीशनर और म्यूजिक जैसी सुविधाएं देते हैं। इसलिए रेस्टोरेंट में एमआरपी लागू नहीं होती। होटल ने यह भी कहा कि पानी की बोतल पर जीएसटीलगाना कानून के हिसाब से सही है। ग्राहक के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि एमआरपी में जीएसटी शामिल होता है। इसलिए अलग से जीएसटी वसूलना गलत है।
भोपाल उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य डॉ. प्रतिभा पांडेय ने सुनवाई की। उन्होंने फैसले में लिखा कि एमआरपी में जीएसटी शामिल होता है। इस पर अलग से जीएसटी वसूलना गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट और उत्तरप्रदेश राज्य आयोग के फैसले के अनुसार होटल मिनरल वाटर पर एमआरपी से ज्यादा पैसे ले सकते हैं लेकिन अतिरिक्त जीएसटी नहीं ले सकते। होटल ने बिसलेरी की बोतल पर 1 रुपए का अतिरिक्त जीएसटी लेकर गलत काम किया है। यह सेवा में कमी है।