मुरादाबाद 17 मई। मुरादाबाद मंडल की पहल पर शासन की मुहर लग गई है। मुरादाबाद मंडल की तर्ज पर अब प्रदेश के सभी जनपदों में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी पंप संचालकों को महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट की व्यवस्था करनी होगी। सेनेटरी पैड, उसके निस्तारण, साबुन, टिशू पेपर्स, डस्टविन व पानी की व्यवस्था भी होगी।
दिव्यांगजन भी टॉयलेट का प्रयोग कर सकें, इसके लिए शौचालय में रैंप भी अनिवार्य रूप से होगा। जिससे ग्राहक के साथ जरूरत पड़ने पर आमजन भी प्रयोग कर सकें। आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग भूपेन्द्र एस चौधरी ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। एक मई को जारी पत्र में पंपों पर आठ बिंदुओं पर अनुपालन कराए जाने की बात कही गई है।
महिलाओं के लिए टॉयलेट होना अनिवार्य
सफर के दौरान सर्वाधिक दिक्कत महिलाओं को करना पड़ता है। अचानक से मासिक धर्म की शुरुआत पर दिक्कतें और बढ़ जाती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग एवं विभिन्न प्रमुख राजमार्गों पर पर तो कई बार स्थिति असहज हो जाती है। दो साल पूर्व कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने इस समय के निदान के लिए पहल शुरू की। ऐसे समय में महिलाओं को दिक्कतों का सामना ना करना पड़ा, इसके लिए पेट्रोल-डीजल पंपों पर महिलाओं के लिए अलग से शौचालय होने, सेनेटरी पैड होने, उसके निस्तारण की व्यवस्था होने व पानी की अनिवार्य व्यवस्था पर काम शुरू हुआ। आपूर्ति विभाग की टीमें निगरानी के लिए लगाई गईं।
धीरे-धीरे जिले के सभी पंपों पर यह व्यवस्था लागू हो गई। दिव्यांगजनों के लिए रैंप भी बनें। इसके बाद मंडल के अन्य जनपदों रामपुर, अमरोहा, संभल व बिजनौर में भी यह व्यवस्था लागू हुई। रिपोर्ट शासन तक पहुंची जिसके बाद बीते दिन महाकुंभ में भी इस व्यवस्था को लागू किया गया। प्रयागराज से जुड़े आस-पास के जनपदों में इस व्यवस्था की अनिवार्यता की गई। इसके बाद अब प्रदेश के सभी जनपदों के लिए निर्देश जारी किये गए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। डीएम को समय-समय पर व्यवस्था की समीक्षा की बात कही गई है।
व्यवस्थाएं ना होने पर जुर्माने के साथ बिक्री व आपूर्ति निलंबित करने तक का प्राविधान किया गया है। मुफ्त हवा, पानी रेडियेटर पानी, स्वच्छ प्रसाधन सुविधा, टेलीफोन, प्रथम चिकित्सा व्यवस्था ना होने पर पहली बार में 10 हजार रुपये जुर्माने का प्राविधान किया गया है। दूसरी बार में 25 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। तीसरी बार में 10 हजार रुपये जुर्माने के साथ 45 दिनों के लिए बिक्री व आपूर्ति निलंबित करने तक का प्राविधान है। रख-रखाव व आवश्यक सुविधाएं ना दिये जाने पर अधिकतम 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।