लखनऊ 15 मई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राज्यहित से जुड़े कुल 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। अहम बात यह रही कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर राज्य सरकार ने अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया, जिससे सुरक्षा बलों और शहीदों के प्रति सम्मान का भाव झलका।
मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में आधुनिक ‘सीड पार्क’ की स्थापना को भी मंजूरी दी गई। यह पार्क भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर होगा। इसे लखनऊ में 130.63 एकड़ भूमि पर 251.70 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रदेश में उन्नत बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देना है।
अमृत योजना के तहत निकायों के अंश को कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. अमृत योजना 1 में 7 निकायों के 90 करोड़ रुपये के निकाय अंश को माफ करने का निर्णय लिया गया, जिससे स्थानीय निकायों को वित्तीय राहत मिलेगी.
दुग्ध विकास नीति में संशोधन
पशुधन व दुग्ध विकास विभाग के तहत उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 में संशोधन को मंजूरी दी गई. नई दुग्ध प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना में पूंजीगत अनुदान को 35% तक बढ़ाया गया, जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.
औद्योगिक विकास को बढ़ावा
मेसर्स RCCPL रायबरेली को सब्सिडी में सुधार के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई. जेके सीमेंट प्रयागराज को 450.92 करोड़, मून बेवरेज लिमिटेड हापुड़ को 469.61 करोड़, सिल्वर पल्प एंड पेपर मिल मुजफ्फरनगर को 403.88 करोड़, ग्लोबल स्पिलट्स लिमिटेड लखीमपुर को 399.74 करोड़, और चांदपुर इंटरप्राइजेज को 273.9 करोड़ रुपये के लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) जारी करने को मंजूरी दी गई.
ग्रामीण विकास के लिए फंड
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की बैठकों और अन्य गतिविधियों के लिए होने वाले व्यय के फंड को प्रोत्साहित करने की नीति को मंजूरी दी गई. इससे ग्रामीण सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा.
पंचायत उत्सव भवन का नामकरण
पंचायतीराज विभाग के तहत पंचायत उत्सव भवन के नामकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई, जिससे पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
नागरिक उड्डयन: कर्मचारियों को वेतन लाभ
नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों (पायलट, को-पायलट, इंजीनियर, एयरोनॉटिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के कर्मचारी, और तकनीकी व गैर-तकनीकी स्टाफ) के पारिश्रमिक पुनर्निधारण को मंजूरी दी गई. इन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन लाभ प्रदान किया जाएगा.