10 मई को हुए सीजफायर के बाद अब जो चेहरों पर एक तनाव नजर आ रहा था वो समाप्त हो गया है। सरकार ने भी हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर शुरू कर दी हैं और युवाओं के लिए विशेष आकर्षण आईपीएल खेल भी शुरू होने की बात भी सामने आ रही है। इसलिए मुझे लगता है कि अब इस मुददें पर जो भी बात करे वो सरकार को करनी चाहिए। अगर विपक्ष और नागरिक कुछ बोले तो उन्हें संयम बनाकर सटीक शब्दों से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए। ऐसी कोई बात हमें नहीं बोलनी चाहिए जिससे किसी भ्ीा प्रकार की उत्तेजना पैदा हो और फिर सरकार को किसी भी मामले में सख्त कदम उठाने पड़ें। जहां तक पहलगाम के आतंकी हमले के बाद आतंकवादियों को प्रोत्साहन देने वाले पड़ोसी देश का चेहरा सामने आया है उसका जवाब देने में हमारी सरकार और रक्षा प्रणाली पूरी तौर पर सक्षम रही है। प्रधानमंत्री जी स्पष्ट भी कर रहे हैं कि ट्रेड टेरर एक साथ नहीं चलेगा। वार्ता पीओके पर ही होगी और किसी भी प्रकार की परमाणु धमकी नहीं सहेंगे। पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बीच देश को बताई सेना की वीरता और पाकिस्तान को चेताया। आतंकियों ने जो किया उसका उन्हें माकूल जवाब दिया गया है। हमनें अगर देखें तो इस घटना के बाद भले ही कुछ आलोचक कई तरह की बातें कर रहे हो मगर जिसे समझाना चाहिए उसे बता दिया कि हम भय बिन प्रीत ना होई को अच्छी तरह समझते हैं और भारत की ओर आंख उठाने से पहले कोई भी यह समझ लें कि हमारी तीनों सेनाओं के अभियान और वायु रक्षाप्रणाली इतनी मजबूत है कि उसे भेद पाना मुश्किल है। यह बात सिद्ध हो चुकी है कि हमारी सेना ने चीन और तुर्की से लिए हथियारों को मिनटों में ध्वस्त कर डाला और पाकिस्तान के विदेशी हथियारों पर भारी पड़े हमारे स्वदेश निर्मित हथियार।
हम भारतीय किसी भी तरीके की जंग अपनी तरफ से थोपने के पक्षधर कभी नहीं रहे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीजफायर में भूमिका निभाई वो अच्छा है। लेकिन कोई भी यह ना समझे कि किसी धमकी के चलते ऐसा किया गया होगा। कुल मिलाकर माहौल शांत हो रहा है। दोनों देशों की सरकारों को अपने नागरिकों को परेशानी से बचाने के लिए समयानुकुल और भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने की आवश्यकता है। क्योंकि युद्ध हुआ तो जैसा खबरों से पता चलता है वो पड़ोसी देश के लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि वहां की आर्थिक व्यवस्थाएं उसे झेल पाने में सक्षम ना हो पाएं। जहां तक भारत की बात है तो हम समाजवाद और मिल बांटकर खाने में विश्वास रखते हैं और कठिनाई में सब एक हो जाते हैं। इसीलिए हमें इतनी परेशानी नहीं झेलनी होगी जितनी आतंकवाद को बढ़ावा देेने वालों को झेलनी होगी।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
देश में चलने लगी अमन चैन की बयार, हवाई सेवा और आईपीएल सहित सभी कार्य हुए शुरू
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