नई दिल्ली 09 मई। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने रेगुलर आर्मी की सहायता के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के मुताबिक अब रेगुलर आर्मी अपनी सहायता के लिए टेरिटोरियल आर्मी को बुला सकती है। भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं. इस खबर के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या धोनी और सचिन जैसे मानद सैन्य रैंक धारकों को युद्ध की स्थिति में बॉर्डर पर ड्यूटी करनी पड़ सकती है?
जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा 32 टेरिटोरियल आर्मी इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को देश के विभिन्न सैन्य कमानों, साउदर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, साउथ-वेस्टर्न कमांड, अंडमान व निकोबार कमांड और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) में तैनात किया जाएगा. तैनाती सिर्फ तभी की जाएगी जब इसके लिए बजट में धन उपलब्ध हो या आंतरिक बजट की बचत से इसे दोबारा आवंटित किया गया हो. अगर टेरिटोरियल आर्मी की यूनिट किसी और मंत्रालय के अनुरोध पर तैनात की जाती है, तो उसकी लागत संबंधित मंत्रालय के बजट से काटी जाएगी, न कि रक्षा मंत्रालय के बजट से.
रक्षा मंत्रालय की अधिसूचना के जारी होते ही अब सेना प्रमुख को अधिकार होगा कि वह टेरिटोरियल आर्मी को अपने हिसाब से मदद के लिए सैन्य कार्रवाई में शामिल कर सके। वहीं, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। यानी अब अगर पाकिस्तान के खिलाफ बात आगे बढ़ी तो एमएस धोनी को भी तैयार रहना होगा।
एमएस धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी के 106वें इन्फैंट्री बटालियन में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई थी। वहीं, सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन का मानद रैंक प्रदान किया गया था। ये रैंक उनके क्रिकेट में योगदान के लिए सम्मान के तौर पर दिए गए हैं। हालांकि, टेरिटोरियल आर्मी तीसरी रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करती है, जो नियमित सेना और अर्धसैनिक बलों के बाद सक्रिय होती है।
वहीं 6 सितंबर 2012 को, सचिन पायलट अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने की सशस्त्र बलों में जाने की इच्छा को पूरा करते हुए, प्रादेशिक सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त होने वाले भारत के पहले केंद्रीय मंत्री बने थे. टेरिटोरियल सेना में अधिकारी होने की वजह से उन्हें कैप्टन पायलट के नाम से जाना जाता है. सचिन पायल और महेंद्र सिंह धोनी के साथ-साथ अनुराग ठाकुर, कपिल देव समेत कई दिग्गज टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं.