प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई आपात बैठक में जो भी निर्णय लिए गए वो अपने आप में किसी भी मुकाबले और हमले का जवाब देने के लिए पूरी तौर पर सक्षम है। इस बार यह बात स्पष्ट हो गई है। पहली बार एस-400 का इस्तेमाल हुआ और पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गया। इस कार्रवाई को देखते हुए यह बात कही जा सकती है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम ने भारत की सुरक्षा को अभेद्य बनाया है। क्योंकि एस-400 और आकाश ने एयर डिफेंस को मजबूती दी है। हर क्षेत्र में मिल रही सफलता की मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। क्योकि पाकिस्तान ने 15 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की जिसे भारत के एस-400 और ड्रोन हारोप ने जवाब दिया। तथा लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम और आतंकी व्यवस्था को ढेर करने में बड़ी सफलता पाई। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जवाब हम माकूल रूप से देने में सफल है। और पड़ोसी देश व आतंकियों को बढ़ावा देने वाले यह समझ लें कि जब युद्ध जरूरी होगा तो भारत पीछे नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सेनाएं हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तेयार है।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 22 अप्रैल को जो हुआ उसमें कहीं ना कहीं हमारी खुफिया एजेंसियां गफलत में आई और विध्वंसकारियां को अपनी कारगुजारियों का प्रदर्शन करने का मौका मिल गया। विशेषज्ञों की आ रही राय से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने की स्थिति में पाकिस्तान नहीं है क्योंकि इसकी खस्ताहाल हालत और तनाव इसके लिए ही घातक सिद्ध हो सकता है। मगर हमले का जवाब हम पहले भी देते रहे हैं आगे भी देतें रहेंगे क्योंकि देश में सुरक्षा और नागरिकों के हित के लिए दो राय नहीं है। पीएम मोदी के साथ तिरंगे झंडे के नीचे हम सब खड़े हैं। दोस्तों पाकिस्तान ने जवाब देने के लिए मजबूर किया वो जरूरी था लेकिन अब नागरिक और सेना व सरकार एकजुट होकर अगली कार्रवाई के लिए तैयार हैं। वो बात अलग है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब कौन सा ऑपरेशन हमारी सरकार और सेना करेगी। यह अभी स्पष्ट नहीं है। यह सही है कि यह सब सरकार और सेना को करना है। हम सब एक सूत्र में पिरोये मोती की भांति सरकार के साथ है। सेना की ताकत और सटीकता स्पष्ट हो चुकी है। लेकिन एक बात हमें अपनानी होगी क्योंकि गैर जिम्मेदारा टिप्पणियों का क्या असर होता है वो पड़ोसी देश की परिस्थितियों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। मेरा मानना है कि वक्त संवेदनशील है। अगर नाखून में भी कांटा चुभता है तो दर्द होता है। इसलिए अगर युद्ध होगा या होने की नौबत आएंगी तो जो समस्याएं होंगी और हम उसका मुकाबला करने को तैयार हों लेकिन संवेदनशीलता और अनुशासन का हमें पालन करना होगा तभी हम अपनी सेना की ताकत और नागरिकों की ताकत का लोहा मनवा सकते हैं।
प्रिय पाठकों हम सब हमेशा कितना ही आपस में विवाद क्यों ना कर लें जिस घर में चार बर्तन होते हैं वो खटकते हैं मगर वक्त पड़ने पर सब एकजुट होकर अपने को टूटने से बचाने की कोशिश करते हैं। हमारे सामने फिलहाल ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है। लेकिन चाणक्य नीति हर बुरी स्थिति और नकारात्मक सोच को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगे तो देश की एकता को कोई नहीं तोड़ सकता। युद्ध या कठिन परिस्थति से बाहर आने और उसका मुकाबला करने में वाहीं देश मुकाबला करता है जिसमें सूझबूझ की पूर्णता होती है। मौजूदा हालातों में पुलिस प्रशासन एहतियात बरत रही है। बीती 7 मई को मॉक ड्रिल में अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया गया। अब पुलिस प्रशासन सतर्क है। मेरठ में सभी को अलर्ट करते हुए 31 सेक्टर और 14 जोन में शहर को बांटा गया है। नागरिक सतर्क नजर आ रहे हैं। बस आप लोगों से अनुरोध है कि कई बार कुछ परेशानियां सामने आती हैं जैसे हम घरों में उनका सामना करते हैं उसी प्रकार मौजूदा परिस्थितियों में अपने आप को तैयार करें। अफवाहों पर ना ध्यान दें ना फैलाएं। मेरा जनप्रतिनिधियों अफसरों व सरकार से निवेदन है कि जिस प्रकार सोशल मीडिया को संदेश दिया जाता है उसी प्रकार अन्य मीडिया को भी समझाया जाए कि एक ही बात को बार बार दोहराना और उसकी औकात नहीं थी जैसे शब्दों का उपयोग करना उचित नहीं है। पीएम मोदी कह चुके हैं वक्त संवेदनशील है। इसलिए गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी किसी को नहीं करनी चाहिए। एक बात जरूर कह सकता हूं हम आशावान है। संयमित सोच का पालन कठिन परिस्थितियों को सामना करते रहे। घरेलू सामान और अन्य वस्तुओं की ज्यादा खरीददारी करके एक अलग सोच को बढ़ावा ना दे। जरूरी सामानों की ही खरीददारी करे। कोई संदिग्ध दिखाई देता है या अफवाह फैलाता है तो पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सूचना दे और अपनी जिम्मेदारी का पालन करें। जय हिंद जय राष्ट्र। सेना के प्रयासों की सराहना करते हुए उसकी कार्रवाई का आभार।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
वक्त संवेदनशील है गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों से बचे, हर मामले में सतर्कता बरते, अफवाह ना फैलाएं ना फैलने दें
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