नई दिल्ली 08 मई। रोहित शर्मा ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। उनका आखिरी टेस्ट मैच मेलबर्न में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा मैच था। सिडनी में होने वाले पांचवें टेस्ट मैच में रोहित ने खुद को टीम से बाहर कर लिया था। यह उम्मीद की जा रही थी कि रोहित इंग्लैंड में होने वाली टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के लिए एक बार फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे।
रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा, …सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इतने सालों में मिले प्यार और समर्थन के लिए शुक्रिया। मैं वनडे फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा।
रोहित शर्मा का अचानक से टेस्ट संन्यास लेने के बाद क्रिकेट जगत में एक बहस छिड़ गई है। हर तरफ यह चर्चा है कि रोहित ने जून में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज से पहले संन्यास क्यों लिया।
बताते चले कि भारतीय टीम क्रिकेट टीम अगले महीने यानी जून में इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली है। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। जो काफी अहम होने वाली है, क्योंकि ये विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा होगी। अब इसमें रोहित शर्मा नजर नहीं आएंगे। रोहित शर्मा का टेस्ट करियर बहुत शानदार रहा है, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन पिछले कुछ वक्त से उनका फार्म गायब था। यही वजह रही कि जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, तब कप्तान रहते हुए भी रोहित शर्मा ने खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया था।
रोहित वनडे और टी-20 में तो बतौर प्लेयर और कप्तान बेहतरीन रहे, लेकिन रेड बॉल में उस कामयाबी को दोहरा नहीं सके।
11 साल के टेस्ट करियर में रोहित ने 67 टेस्ट खेले और 12 शतक लगाकर 4301 रन बनाए। उनकी कप्तानी में टीम ने 50% टेस्ट जीते, लेकिन होमग्राउंड पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इतिहास में पहली हार झेलनी पड़ गई। ऑस्ट्रेलिया से भी 10 साल बाद सीरीज में हार मिली, जिस कारण टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंच सकी।