नई दिल्ली 29 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर हमला बोला है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि पाकिस्तान से संबंधित आतंकवाद का एक नया चेहरा अब सामने आया है। निशिकांत दुबे ने पाकिस्तानी लड़कियों के मुद्दे को उठाया जो शादी के बाद भारत आई हैं। लेकिन अभी तक उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘पाकिस्तानी आतंकवाद का एक नया चेहरा अब सामने आया है। 5 लाख से अधिक पाकिस्तानी लड़कियां शादी करने के बाद भारत में रह रही हैं, लेकिन उन्हें आज तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। इन दुश्मनों से कैसे लड़ा जाए जो अंदर घुस आए हैं?’ ये स्थिति एक गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रही है।
दरअसल, निशिकांत दुबे का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कई कड़े कदम उठाए हैं.
निशिकांत दुबे पहलगाम आंतकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर हमलावर हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने कश्मीर का हमारा जो हिस्सा लिया है, उसे तो हम वापस लेंगे ही, इसके अलावा पाकिस्तान को खंडित कर बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और पंजाब नामक अलग-अलग देश बनेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कर दिखाएंगे. यह बात मैं पूरे दावे के साथ कह रहा हूं. अगर पाकिस्तान इस साल के बाद कई खंडों में नहीं बंटा तो आप यह कहने को स्वतंत्र होंगे कि भाजपा वाले झूठे आश्वासन देते हैं.”
537 पाकिस्तानी नागरिक लौटे पाक
इस बीच, पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, 24 अप्रैल से शुरू हुए चार दिनों में 537 पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें नौ राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, अमृतसर के अटारी-वाघा सीमा बिंदु के माध्यम से भारत छोड़कर गए। यह कार्रवाई तब हुई, जब केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए 12 श्रेणियों के अल्पकालिक वीजा धारकों को “भारत छोड़ने” का नोटिस जारी किया था। रविवार को इस नोटिस की समय सीमा समाप्त हो गई। केवल रविवार को ही 237 पाकिस्तानी नागरिक, जिसमें नौ राजनयिक शामिल थे, भारत से निकले, जबकि 26 अप्रैल को 81, 25 अप्रैल को 191 और 24 अप्रैल को 28 लोग सीमा पार कर गए।
850 भारतीय नागरिक लौटे देश
दूसरी ओर, इसी अवधि में 850 भारतीय नागरिक, जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, पाकिस्तान से पंजाब में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉसिंग के माध्यम से वापस लौटे। यह कदम भारत द्वारा पहलगाम हमले के जवाब में उठाए गए कई प्रतिबंधात्मक उपायों का हिस्सा है, जिसमें 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना भी शामिल है।