नई दिल्ली 14 फरवरी। भाजपा के मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी 17वीं लोकसभा में ऐसे दो सदस्य रहे जिन्होंने पांच साल की अवधि के दौरान कुल 274 बैठकों में 100 प्रतिशत उपस्थिति का गौरव हासिल किया। यह संयोग की कहा जाएगा कि पहली बार लोकसभा पहुंचे इन दोनों सदस्यों को सदन में एक-दूसरे के बगल वाली सीटें आवंटित की गई थीं। दूसरी तरफ, अभिनेता-राजनेता सनी देओल (भाजपा) और शत्रुघ्न सिन्हा (टीएमसी) उन 9 लोकसभा सदस्यों में से थे, जिन्होंने किसी भी चर्चा में भाग नहीं लिया।
बता दें कि सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, शत्रुघन सिन्हा को ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2022 में पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट देकर लोकसभा भेजा था। इससे पहले वो भाजपा में थे।
PRS लेजिस्लेटिव के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के कांकेर से भाजपा के सांसद मोहन मंडावी और अजमेर से पार्टी के सांसद भागीरथ चौधरी ने 17वीं लोकसभा की एक भी बैठक न चूकने का अनूठा रिकॉर्ड हासिल किया है। 2019-24 लोकसभा में कुल 274 बैठकें हुई हैं। संयोग की बात रही है कि दोनों को सदन में एक-दूसरे के बगल वाली सीटें मिलीं थीं।
100% अटेंडेंस पर मंडावी ने कहा- मुझे जो काम सौंपा जाता है। मैं उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ करता हूं। मैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र कांकेर का प्रतिनिधित्व करता हूं और मैंने कोविड-19 महामारी के दौरान भी सदन में भाग लिया था।
संसद में सबसे सक्रिय सांसद रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा सदस्य पुष्पेंद्र सिंह चंदेल संसद में सबसे सक्रिय सदस्य थे, जिन्होंने 17वीं लोकसभा में 1,194 चर्चाओं में भाग लिया था, उनके बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से कुलदीप राय शर्मा (833 चर्चाएं) थे। यह संस्था किसी सदस्य द्वारा विधेयकों पर चर्चा में भाग लेने, शून्यकाल के दौरान मुद्दे उठाने, विशेष उल्लेख और अन्य सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों से खुद को जोड़ने को ‘चर्चा में भागीदारी’ की श्रेणी में मानती है। बसपा सदस्य मलूक नागर (बिजनौर) ने 582 चर्चाओं में भाग लिया, इसके बाद धर्मपुरी से द्रमुक सदस्य डीएनवी सेंथिलकुमार (307 चर्चाओं), कोल्लम से आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन (265), बारामती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) की सदस्य सुप्रिया सुले (248) ने भाग लिया।
इन 9 सासंदों ने किसी भी चर्चा में नहीं लिया भाग
सनी देओल और शत्रुघ्न सिन्हा उन नौ लोकसभा सदस्यों में से थे, जिन्होंने किसी भी चर्चा में भाग नहीं लिया। भाजपा सदस्य रमेश जिगाजिनागी, बी एन बचेगौड़ा, प्रधान बरुआ, अनंत कुमार हेगड़े और वी श्रीनिवास प्रसाद, टीएमसी सदस्य दिब्येंदु अधिकारी और बसपा सदस्य अतुल कुमार राय अन्य वे सदस्य थे जिन्होंने 17वीं लोकसभा में किसी चर्चा में भाग नहीं लिया।
इस आधार पर होता है आकलन
PRS लेजिस्लेटिव, सांसदों के विधेयकों पर चर्चा में भाग लेने, शून्यकाल के दौरान मुद्दे उठाने, विशेष उल्लेख और अन्य सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों से जुड़ाव को बहस में भागीदारी की श्रेणी में मानता है।