सामाजिक संस्थाओं और उनकी संपत्तियों पर एकछत्र राज करने और उससे जुड़े पुराने लोगों को अलग करने का एक मामला योग साधना केंद्र साकेत का सामने आया है। इस बारे में मौखिक रूप से मिली खबरों से पता चल रहा है कि पूर्व में कई अन्य संस्थाओं में कुछ मुददोें को लेकर विवादित रहे योग साधना केंद्र साकेत के अध्यक्ष योगेंद्र जैन के बार में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने सहयोगियों से मिलकर योग साधना केंद्र में नए सदस्य पांच पांच हजार रूपये लेकर बनाए। इसमें कुछ बुरा भी नहीं है। संस्था की प्रगृति और उसे आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक साधनों की जरूरत पड़ती है तो सदस्यता शुल्क बढ़ाना और नए सदस्य बनाना गलत नहीं कह सकते। मगर यह जो खबरें सुनने को मिल रही हैं कि कुछ पदाधिकारियों ने एक एक हजार रूपये के पुराने बने सदस्यों की सदस्यता या तो समाप्त कर दी या उन्हें योग साधना केंद्र से दूर कर दिया। जो भी हो अब ऐसी स्थिति बन गई है कि लगता है कि अब इनका इससे कोई संबंध नहीं है। लोगों का यह भी कहना है कि जो पांच हजार के मेंबर बनाए गए हैं उन्हें भी योगेंद्र जैन या अन्य पदाधिकारी किसी कार्यक्रम या संस्था के होने वाले चुनाव जिनके लिए आमसभा की बैठक बुलाना अनिवार्य होता है से भी सूचित नहीं किया जाता। जानकारों का कहना है कि इन्होंने और इनके कुछ साथियों ने योग साधना केंद्र को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में देखना शुरू कर दिया है। इसमें कितनी सत्यता है यह जांच का विषय है। योगेंद्र जैन से बात नहीं हो पाई इसलिए उनका पक्ष पता नहीं चल पाया। अगर यह बात सही है कि उन्होंने पुराने सदस्यों को बिल्कुल दूर कर दिया है तो उसे सही नहीं कह सकते लेकिन यह चर्चा जरूर है कि कुछ नए पुराने सदस्य कमेटी की कार्यप्रणाली को लेकर डिप्टी रजिस्टार चिट फंड सोसायटी और पुलिस में शिकायत करने का मन बनाते नजर आ रहे हे। लोगों का कहना है कि इसके संविधान के अनुसार इसका संचालन नहीं किया जा रहा और जो उददेश्य बनाए गए थे उनका भी पालन नहीं होता। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जिस आम आदमी के लिए योग साधना केंद्र साकेत की स्थापना हुई और सोसायटी द्वारा जगह दी गई थी उसका यहां प्रवेश भी अब नहीं हो पाता। कुल मिलाकर अंगुली पर गिने जाने वाले पदाधिकारी और उनके कृपा पात्र ही यहां पर मौजूद सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि पीएम मोदी साहब योग को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्थाएं कर रहे हैं और योग साधना केंद्र साकेत की कमेटी के पदाधिकारी उस पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं वरना सदस्यों को आम सभा की बैठक कार्यकारिणी के निर्णयों से अवगत क्यों नहीं कराया जाता। सामने आई परिस्थितियों को देखकर सीएम योगी से आग्रह है कि वो डीएम के माध्यम से योग साधना केंद्र साकेत की गतिविधियों और उसके पदाधिकारियों की जांच कराएं और जो करोड़ों की संपत्ति यह जनहित के लिए बनी उसका उपयोग आम आदमी के हित में हो सके ऐसी व्यवस्थाएं कराएं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सीएम योगी ध्यान दें! योग साधना केंद्र साकेत पर कुछ पदाधिकारियों के कब्जा करने की चर्चा, जनरल हाउस में भी नहीं बुलाया जाता सदस्यों को, एक हजार रूपये देकर जुड़ें ?
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