अगर स्वस्थ रहना है और भरपेट रोटी खानी है। डॉक्टर और अस्पतालों के चक्कर ना लगाने पड़े इसके जरूरी है कि जीवन स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहे। इसके लिए योग और पैदल घूमना, साईकिल चलाना और खुश रहना सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जो मोटे अनाज का उपयोग बढ़ाने और इस अभियान की सफलता के लिए सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के प्रयासों को नागरिक आत्मसात कर आगे बढ़ें तो वो काफी बीमारियों से बचे रह सकते है। लिवर फैट से मुक्त है तो अनेक बीमारियां अपने आप ठीक हो जाती है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए पिजा बर्गर और मैदा चीनी से बनी चीजों को अपने से दूर रखना होगा। मैं यह नहीं कहता कि यह चीजें ना खाओं लेकिन पिज्जा बर्गर, मोमोज हो लेकिन अगर यह ज्वार बाजरा रागी के आटे अथवा सूजी के बनें हो तो यह उपयेागी होते है। मोटे अनाज से सभी वह चीजें बनने लगी है जिनके पीछे हमारी युवा पीढ़ी भाग रही है। पूर्ण भारतीय भोजन के उपयोग में आने वाली चीजों से ये तैयार होती है। अब तो चॉकलेट भी इससे बनने लगी है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों को संतुलित स्वस्थ आहार देने की वकालत करते हुए सब्जियां मोटे अनाज की वकालत की है। बताते हैं कि आयुर्वेद में भी इसका पूर्ण इलाज होने और दवाई बाजार में उपलब्ध है। फिर भी बच्चों में लिवर की समस्याएं बढ़ती जा रही है। इससे बच्चों से लेकर बड़ों तक प्रभावित है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 20 फीसदी आबादी का लिवर फैटी है। इसका ध्यान रखा जाए तो इससे संबंध समस्याओं से लगभग छुटकारा मिल सकता है। नियमित व्यायाम किया जाए तो हर बीमारी से आप मुक्त रह सकते हैं। अगर दवाई भी साथ में खाते रहे तो। आज विश्व यकृत दिवस जानकार मना रहे हैं और पिछले कुछ सालों से देख रहा हूं यह बड़े स्तर पर मनाया जाता है लेकिन लिवर की बीमारी की शिकायत भी बढ़ रही है। इसलिए दूध का कम उपयोग किया जाए। गाय का दूध अमृत समान है। बाकी अपने डॉक्टर से इसकी बीमारी की चर्चा करते रहे। क्योंकि जब यह बढ़ती हे आसानी से समाधान नहीं होता क्योंकि इसका खर्च बढ़ता चला जाता है। सभी का लिवर बीमारियों से मुक्त रहे इसी के साथ सबके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
लिवर की बीमारियों से बचना है तो मोटा अनाज अपनाना होगा
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