भगवान का नाम लेना या जय श्रीराम का नारा लगवाना गलत तो नहीं कह सकते और हर आदमी को अपने धर्म से संबंध उपासना और महापुरूषों के सम्मान का अधिकार है। लेकिन तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि त्यागराजार इंजीनियरिंग कॉलेज में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और वहां जय श्रीराम के नारे खबर के अनुसार लगवाए गए। जय श्रीराम हमारे लिए परम पूज्य है। इसलिए मेरा मानना है कि विवादित स्थानों पर इस प्रकार के नारे लगवाकर किसी को यह मौका नहीं देना चाहिए कि कोई उलट टिप्पणी करे क्योंकि तमिलनाडु के अंदर सनातन धर्म को लेकर विवाद हो रहा है। कांग्रेस द्वारा इस मुददे पर सवाल उठाया गया है। इसके वरिष्ठ नेता शशिकांत ने एक्स पर एक पोस्ट पर राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी यह हाल है। पूर्व में कुछ बिलों पर समय से निर्णय ना लेने के लिए चर्चित रहे राज्यपाल आरएन रवि का ऐसे मामले में निर्णय लेना अलग बात है। अब तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी इस मामले में निर्देश दिए जा चुके हैं। उनसे आग्रह है कि वो कोई ऐसा काम ना करे कि हमारे भगवान को किसी को विवाद में खींचने का मौका मिले। वैसे भी नेताओं की बात तो और है लेकिन राज्यपाल का पद संवैधानिक है और उसके लिए नियम निर्धारित है। इसलिए ऐसी जगह पर इसे ठीक नहीं कह सकते।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
राज्यपाल का पद संवैधानिक है आदरणीयों को इस बात का ध्यान तो रखना चाहिए
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