आए दिन मीडिया में पढ़ने देखने सुनने को मिलता है कि फलां जनप्रतिनिधि को जान से मारने की धमकी मिली या उन पर हमला हुआ। इस मामले में नेताओं को भी कुछ सिरफिरे नहीं छोड़ते जबकि 90 प्रतिशत मामले झूठे या सुर्खियां बटोरने के लिए नजर आते हैं। मगर फिर भी ऐसे प्रकरणों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि लखनऊ में राजभवन के निकट एक सभा के दौरान एक जनप्रतिनिधि को गोली मारी गई । हमलावर ने कहा कि यह उसने सब नाम कमाने के लिए किया। आज लखीमपुर खीरी से एक खबर पढ़ने को मिली की सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव को सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से यहां के निवासी अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा धमकी दिया जाना बताया जा रहा है। मेरा मानना है कि ऐसी घटनाओं को शासन प्रशासन पुलिस गंभीरता से ले और जो दोषी पकड़े जाते हैं उन्हें सजा का प्रचार प्रसार भरपूर तरीके से हो जिससे और कोई ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के बारे में ना सोचे। कई मामलों में देखा जाता है कि कुछ नेताओं पर जब चप्पल फेंकी जाती है या अशोभनीय घटना की जाती है तो उनके द्वारा दोषी को माफ कर दिया जाता है। मुझे लगता है यह सही नहीं है क्योंकि जितनी घटनाएं बड़े नेताओं के साथ हुई कहीं ना कहीं उसमें अनहोनी की घटना को नजरअंदाज किया गया या बचकानी बताकर टाल दिया गया। ऐसा कुछ होता है तो उसका अंजाम आम आदमी को भुगतना पड़ता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए फिलहाल अखिलेश यादव की सुरक्षा को और मजबूत किया जाए और धमकी देने वाले की काउंसिलिंग भी हो कि धमकी देने के पीछे कारण क्या थे। आज कई सपाईयों को इस मामले में गंभीर देखा गया। अखिलेश यादव विपक्ष के मजबूत नेताओं में शुमार है। जनमानस उनके साथ है। इसलिए उन्हें अच्छी से अच्छी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अखिलेश यादव को दी जाए अच्छी से अच्छी सुरक्षा व्यवस्था
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