नई दिल्ली 13 फरवरी। एआई यानी आर्टिफिशिय इंटेलीजेंस की चर्चा पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में हो रही है. इस नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पूरी दुनिया में हो रहा है. धीरे-धीरे सभी कंपनियां अपनी-अपनी सर्विस में एआई फीचर का इस्तेमाल करना शुरू करती जा रही है. फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा भी इस मामले में काफी आगे निकल चुकी है. मेटा काफी पहले से अपनी सर्विसेज़ के लिए एआई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है.
एआई फीचर पर काम कर रही मेटा
अब ऐसी ख़बर आ रही है कि जल्द ही मेटा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इमेज क्रिएट करने वाले फीचर पर काम कर रहा है. एआई इमेज जेनरेशन टूल की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म में इस फीचर को शामिल करने का फैसला किया है. आजकल एआई इमेज और इंसानों की असली इमेज में से कौनसी इमेज असली है, यह बताना काफी मुश्किल हो गया है.
मेटा में वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने इस फैसले के मकसद को समझाते हुए कहा, “जैसे-जैसे इंसान और सिंथेटिक कंटेंट के बीच अंतर धुंधला होता जा रहा है, लोग जानना चाहते हैं कि इसमें बाउंड्री लाइन्स कहां है.” उन्होंने बताया कि, “इस वक्त मेटा खुद के बनाए हुए एआई इमेज को लेबल करता है, जिससे यूज़र्स को इस बात का पता चल पाता है कि वह इमेज एआई से जेनरेट की हुई है.”
यूज़र्स को एआई इमेज का चलेगा पता
अब कंपनी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब और बाकी अन्य एआई इमेज बनाने वाले प्लेटफॉर्म्स के साथ भी लेबल किए हुए एआई इमेज जेनरेट करने फीचर की प्लानिंग कर रही है. ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, “इन सिग्नल्स का पता लगाने में सक्षम होने के बाद हमारे लिए एआई-जेनरेटेड इमेज को लेबल करना संभव हो जाएगा जो यूज़र्स फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर पोस्ट करते हैं. इससे फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स के यूज़र्स को पता चल जाएगा कि किस इमेज को एआई से बनाया गया है, और किस इमेज को नहीं.