जनमानस की सरकारी विभागों से संबंध समस्याओं के समाधान में आने वाली परेशानियों और अफसरशाही की गूंज में दब जाने वाली आवाज तथा लाल फीताशाही के चलते बिना कारण परेशानियों को कई दशक पहले श्री लाल शुक्ला ने अपने उपन्यास राग दरबारी के बाद लंगड़े के रूप में संवेदनशील तरीके से प्रस्तुतिकरण किया गया था जिसमें लंगड़ा तहसील और अफसरों के चक्कर अपनी जमीन के मामले में काट रहा था। लेकिन उसकी सुनी कहीं नहीं जा रही थी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंगड़े पात्र की समस्या जो कांग्रेस शासन में उनके अनुसार सही नहीं हो पाई उसे वर्तमान में पीएम मोदी द्वारा किसानों की तकलीफ को समझा और डिजिटल किसान मंच से उसको सुलझाया गया। अब खेती की जमीन खसरा नंबर से सदस्यों और पशुओं की संख्या बनवाने जैसी सभी जानकारी एक जगह मिल रही है। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी का आभार भी जताया है। किसानों के हित में जो यह योजना है। आसानी से सफल हो रही है। इसी का असर है कि अब पीएम एक बटन दबाकर 9.8 करोड़ किसानों के खाते में सीधे 22 हजार करोड़ रूपये पहुंचा देते है। शिवराज चौहान ने आगे भी किसानों के लिए किए जा रहे काम की चर्चा की।
लेकिन उनके राग दरबारी संबोधन से मुझे उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अपर निदेकश के रूप में सेवानिवृत्त हुए और समाज की जानकारियों के मामले में विद्वान और भाषा का उपयोग करने में मजबूत पकड़ रखने वाले इंदर सिंह भदौरिया की याद दिला दी।
मैंने अपने 50 साल के पत्रकारिता का जो जीवन बिताया उसमें इंदर सिंह भदौरिया जैसा निष्ठावान और पत्रकारों व संपादकों की हर समस्या की समाधान के लिए अधिकारियों व सरकार तथा मीडिया के बीच तालमेल बनाने में सफल रहे इंदर सिंह भदौरिया जिनके बारे में यह भी कह सकते हैं कि उनका कार्यकाल सफल रहा। उनके द्वारा परिचितों, पत्रकारों व संपादकों को परेशानी होती थी तो उपन्यास राग दरबारी के पात्र लंगड़े के प्रसंग सुनाकर माहौल को हल्का किया जाता था वहीं परेशानी से उबारने नई जानकारी देने का कार्य इंदर सिंह भदौरिया करते थे। प्रिंट मीडिया के आलोक भदौरिया ज्ञान के मामले में किसी से पीछे नहीं है के माध्यम से जो मार्गदर्शन मिलता था उसी के साथ आज शिवराज सिंह चौहान की राग दरबारी के बारे में चर्चा से इंदर सिंह भदौरिया की याद ताजा हो गई। मुझे लगता है कि केंद्र व प्रदेश सरकार के जनप्रतिनिधि इंदर सिंह भदौरिया के कार्यकाल में उनसे संबंध रहे हो अगर वो चाहे तो सरकार की छवि उपलब्धियों के संकलन के लिए इंदर सिंह भदौरिया की सेवाएं ले सकते हैं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उपन्यास राग दरबारी की चर्चा इंदर सिंह भदौरिया की याद हो गई ताजा, सरकार को लेनी चाहिए उनकी सेवाएं
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