बस्ती 27 मार्च। थाने में थर्ड डिग्री से 17 वर्षीय आदर्श उपाध्याय की मौत मामले में थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया है. वहीं एक दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड कर दिया गया है. मामले में पहले हीलाहवाली की जा रही थी. इसके विरोध में भाजपा-सपा समेत तमाम संगठनों ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इसके करीब 10 घंटे बाद प्रशासन बैकफुट पर आया.
मामला दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव का है. थाने में पुलिस की थर्ड डिग्री से किशोर की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों के अलावा तमाम संगठन पुलिस के विरोध में उतर आए. आरोपियों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस एक्शन से कतराती रही. फिर भाजपा-सपा के तमाम पदाधिकारी-कार्यकर्ता प्रशासन के विरोध में लामंबद हो गए.
परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी के बावजूद एसपी मौके पर नहीं गए. परिवार से बात तक नहीं की. बुधवार को बीजेपी और सपा के नेता, मंत्री-विधायक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए एकजुट हो गए. किशोर के शव का पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन परिजन दाह संस्कार के लिए राजी नहीं थे. बीजेपी के स्थानीय विधायक अजय सिंह परिवार से मिले.
बताया जा रहा है कि मृतक आदर्श उपाध्याय गाय चराने गया था. उसी दौरान गांव के अशोक गुप्ता से आदर्श ने तंबाकू मांगा, जिस पर दोनों में कहा-सुनी हो गई. नाराज़ आदर्श ने अशोक को थप्पड़ मार दिया. अशोक ने डायल 112 पर फोन कर पुलिस बुला ली. पुलिस आई और आदर्श को 24 मार्च को थाने ले गई. आरोप है कि छोड़ने के बदले पुलिस ने 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. जब पैसा नहीं दिया गया तो पुलिस ने आदर्श को थाने में बिठा लिया. अगले दिन यानी 25 मार्च की शाम को पुलिस ने आदर्श को छोड़ दिया.
घर वालों का आरोप है कि पुलिस ने आदर्श को थाने में जमकर मारा-पीटा. जब उसे ऑटो से घर लाया गया तो उसने खून की उल्टी शुरू कर दी. परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. रास्ते में आदर्श की मौत हो गई.
पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री महेश शुक्ला, बीजेपी के जिला अध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा, सपा के दो विधायक कार्यकर्ताओं के साथ पोस्टमॉर्टम हाउस पर डटे रहे. सभी की एक सूत्रीय मांग थी कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो. प्रशासन के समझाने के बावजूद परिजन शव लेकर जाने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद भाजपा जिला अध्यक्ष ने एसपी से बात की. इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई.
फिर भाजपा नेताओं ने जुलूस की शक्ल में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीएम का आवास घेर लिया. घंटों गेट पर जमे रहे. वहीं दूसरी तरफ सपा के विधायक महेंद्र नाथ यादव और कविंद्र चौधरी भी कार्यकर्ताओं के साथ डीएम कार्यालय में धरने पर बैठ गए. सपाई किशोर के पिता को भी साथ लेकर पहुंचे थे. इसके बाद एडीएम मौके पर पहुंचे तो सपा विधायक महेंद्र यादव से उनकी कहासुनी हो गई. सपाई डीएम को बुलाने पर अड़े थे. इसके बाद सपा विधायकों से बात करने डीएम खुद पहुंचे. कार्रवाई की बात कहते हुए लोगों को शांत कराया. जिला अधिकारी रवीश कुमार गुप्ता के निर्देश पर हुई कार्रवाई के बाद एडिशनल एसपी ओपी सिंह ने बताया कि बुधवार को थानेदार जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसके अलावा दुबौलिया थाने में तैनात एक दारोगा अजय कुमार गौड़ और सिपाही शिवम सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. मजिस्ट्रियल जांच भी बैठा दी गई. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.