संभल,24 मार्च। संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में एसआईटी ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की। एसआईटी ने जामा मस्जिद कमेटी के प्रमुख सदर जफर अली एडवोकेट को करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन पर भीड़ जुटाकर हिंसा भड़काने का आरोप है।
शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच सदर अली को मेडिकल के बाद चंदौसी की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान वकीलों की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। बाद में अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में जफर अली को जेल भेज दिया। अली के भाई ने पुलिस पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया।
जफर अली की गिरफ्तारी की जानकारी होते ही कोतवाली में भीड़ जुट गई। इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने एहतियातन पांच थानों की फोर्स के साथ पीएसी और आरआरएफ बल को तैनात कर दिया। अफसर भी कोतवाली में डेरा जमाए रहे। एएसपी डॉ. श्रीश्चंद्र ने पांच थानों की पुलिस फोर्स के साथ पीएसी और आरआरएफ को कोतवाली में तैनात कर दिया। सदर कोतवाल अनुज तोमर ने पुलिस फोर्स के साथ शहर में पैदल गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था परखी। सदर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोतवाली से कोर्ट में पेश करने के लिए चंदौसी ले जाया गया। कोतवाली से सदर को अदालत ले जाते समय अधिवक्ता और लोग पुलिस के वाहनों के पीछे दौड़े। पुलिस ने मशक्कत कर लोगों को रोका।
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि सदर जफर अली को शनिवार देर रात भी पूछताछ के लिए बुलाया था। धार्मिक कार्यों के लिए उन्हें छोड़ दिया गया। रविवार सुबह दोबारा पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
भीड़ जुटाकर हिंसा भड़काने का आरोप
बीते वर्ष 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात लोगों के खिलाफ भीड़ इकट्ठा कर हिंसा भड़काने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसआईटी ने इसी मामले में पूछताछ के लिए जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को रविवार सुबह करीब 11 बजे हिरासत में लिया। उन्हें पूछताछ के लिए कोतवाली में रखा गया। जहां एसआईटी ने करीब चार घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ में साक्ष्य सामने आने पर एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।